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भोपाल. उच्च शिक्षा विभाग में विश्वविद्यालय ही नहीं कई सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य भी निरंकुश तरीके से काम कर रहे हैं। सागर जिले का राहतगढ़ सरकारी कॉलेज इनमें एक है। यहां प्रभारी प्राचार्य डॉ.चंदन सिंह सागर की मनमानी से तंग आकर कॉलेज जनभागीदारी समिति अध्यक्ष कौशल किशोर कन्हौआ ने कॉलेज में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत विभाग प्रमुख को की है।
जनभागीदारी समिति को तवज्जो नहीं
समिति अध्यक्ष कन्हौआ ने लिखा कि अव्वल तो प्रभारी प्राचार्य डॉ.चंदन जनभागीदारी समिति की बैठक ही नहीं बुलाते। जैसे-तैसे संभागीयस्तर के अफसरों के दबाव में बीते साल 18 दिसंबर को सामान्य परिषद की बैठक हुई तो उसमें आए सुझावों को दरकिनार कर दिया गया।
अव्वल तो समिति की सिफारिशों व सुझावों को नियमित पंजी में दर्ज नहीं किया गया। इसके बाद बिनी किसी तकनीकी रिपोर्ट के कॉलेज भवन को जीर्ण-शीर्ण दर्शाकर बजट की एक बड़ी रकम मरम्मत के नाम पर फूंक दी गई। सामग्रियों की खरीदी में भी नियमों को जमकर अनदेखी की जा रही है।
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जांच पर जांच, प्रभारी प्राचार्य बेअसर
शिकायत में कहा गया कि राहतगढ कॉलेज में गड़बड़ी का सिलसिला सहायक प्राध्यापक डॉ चंदन को प्रभारी प्राचार्य के बाद से ही जारी है। साल 2023 में प्रदेश सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इस मामले में सरकार को पत्र लिखा था।
इस आधार पर एक अन्य कॉलेज के प्राचार्य डॉ आनंद तिवारी के नेतृत्व में समिति गठित कर जांच कराई गई। इसमें आरोपों को सही पाया गया,लेकिन रिपोर्ट को दबा दिया गया। साल 2024 में एक अन्य जांच दमोह पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ केपी अहिरवार की टीम ने की,लेकिन यह रिपोर्ट भी संयुक्त संचालक स्तर पर दफन हो गई।
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विभागीय आदेश को भी किया दरकिनार
सूत्रों के मुताबिक, डॉ चंदन सीधी भर्ती से सहायक प्राध्यापक हैं। इस नाते उन्हें प्रभारी प्राचार्य बनाया गया,लेकिन सरकारी दस्तावेजों में वह बतौर प्राचार्य की सील,मुहर इस्तेमाल कर रहे हैं। कोर्ट में लगातार हो रही फजीहत को देखते हुए विभाग ने सेवा मामलों में विभागीय अनुमति बिना न्यायालयीन आदेश बिना कोई आदेश जारी नहीं किए जाने के कड़े निर्देश प्राचार्यों को दिए हैं।
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इसे नजरअंदाज करते हुए राहतगढ प्रभारी प्राचार्य ने कॉलेज के कर्मचारी शरद भारद्वाज प्रकरण में गत 20 अगस्त को एक सकारण आदेश सीधे जारी किया। इसे लेकर विभाग एक बार न्यायालयीन मामले में घिरता नजर आ रहा है।
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पक्ष शासन के समक्ष ही रखूंगा : डॉ चंदन
उक्त मामलों को लेकर द सूत्र ने प्रभारी प्राचार्य डॉ चंदन का पक्ष भी जानना चाहा। इस पर डॉ चंदन ने कहा कि फिलहाल मैं अवकाश पर हूं। आवश्यकता पड़ने पर अपना पक्ष शासन के समक्ष ही रखूंगा।
सागर न्यूज