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पी.एम.उषा योजना में सुस्त कॉलेज
रवि अवस्थी,भोपाल।
राजधानी के शासकीय हमीदिया कॉलेज भवन की एक दीवार दो दिन पहले भरभराकर गिर गई। छोटी झील किनारे खड़ा कॉलेज का यह भवन करीब पौने दो साल पुराना है। इसके मरम्मत की विभाग ने सुध नहीं ली,दूसरी और 27 जिलों के कॉलेजों की बिल्डिंग मरम्मत करने पीएम उषा योजना में 135 करोड़ रुपए दिए गए,लेकिन जिम्मेदार सालभर में सिर्फ 3 फीसदी बजट का ही इस्तेमाल कर पाए।
केंद्र की नाराजगी के बाद जागा विभाग
उच्च शिक्षा विभाग में सिस्टम के यह दो पहलू हैं,जो प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता ही नहीं,अधोसंरचना से जुड़ी व्यवस्था को भी पलीता लगा रहे हैं। सरकारी कॉलेजों में सुविधाएं मुहैया कराने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने पीएम उषा योजना शुरू की।
इसके तहत बीते साल ही मध्य प्रदेश के 27 जिलों में कॉलेज भवनों निर्माण, रेनोवेशन और सॉफ्ट कंपोनेंट कामों के लिए 135 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। सभी कॉलेजों को 5–5 करोड़ रुपए भी बंट गए,लेकिन सालभर बाद भी नतीजा सिफर रहा। इस पर केंद्र ने नाराजगी जताई है।
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कछुआ गति को भी दी मात
केंद्रीय समीक्षा में मप्र के उच्च शिक्षा विभाग की भद् पि​टी। इसके बाद ही उच्च शिक्षा आयुक्त प्रबल सिपाहा ने प्रदेश में योजना का हाल जाना। पता लगा कि प्राचार्यों का रवैया बेहद सुस्ती वाला है। कई जगह तो पांच करोड़ में से केवल 6–12 लाख रुपये तक खर्च हुए, जबकि करोड़ों की राशि ठंडी पड़ी है।
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प्रभारी प्राचार्य नहीं ले पा रहे निर्णय
पीएम उषा योजना में 27 जिलों में कॉलेजों की दशा सुधारने 135 करोड़ रुपए आवंटित हुए और खर्च अब तक सिर्फ तीन करोड़ रुपए ही किए गए। इसकी एक बड़ी वजह कॉलेजों में स्थायी प्राचार्यों का टोटा होना बताया जाता है। अधिकांश जगह प्रभारी प्राचार्य दायित्व संभाल रहे हैं। जो निर्णय नहीं ले पाते।
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आयुक्त ने दी चेतावनी,मार्च तक पूरा काम चाहिए
आयुक्त सिपाहा ने हाल ही में सभी संबंधित प्राचार्यों के नाम सख्त चेतावनी पत्र लिखा। इसमें उन्होंने लिखा कि केंद्र की साफ हिदायत है कि अगले छह महीनों में सभी काम पूरे कर बजट का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए,वर्ना आगे योजना में पैसा ​मिलना मुश्किल होगा।
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पीएम उषा योजना : खर्च की स्थिति (सितंबर 2025 तक)
क्रमांक | कॉलेज का नाम | खर्च राशि |
---|---|---|
1 | एमएम कॉलेज, कोतमा | 6 लाख |
2 | नेहरू डिग्री कॉलेज, अशोकनगर | 6 लाख |
3 | एबी पीजी कॉलेज, बालाघाट | 6 लाख |
4 | नायक पीजी कॉलेज, सेंधवा | 7 लाख |
5 | महाविद्यालय, भैंसदेही | 9 लाख |
6 | कन्या महाविद्यालय, छतरपुर | 10 लाख |
7 | साइंस कॉलेज, पांढुर्ना | 12 लाख |
8 | भोज पीजी कॉलेज, धार | 9 लाख |
9 | चंद्र विजय कॉलेज, डिंडोरी | 8 लाख |
10 | पीजी कॉलेज, गुना | 9 लाख |
11 | डिग्री कॉलेज, टिमरनी | 7 लाख |
12 | महाकोशल कॉलेज, जबलपुर | 10 लाख |
13 | गृह विज्ञान कॉलेज, जबलपुर | 11 लाख |
14 | पीजी कॉलेज, झाबुआ | 11 लाख |
15 | जवाहर डिग्री कॉलेज, बड़वाह | 8 लाख |
16 | आर्ट्स कॉलेज, निवास (मंडला) | 11 लाख |
17 | सावरकर कॉलेज, औबेदुल्लागंज | 11 लाख |
18 | सुभाष चंद्र बोस कॉलेज, ब्यावरा | 7 लाख |
19 | दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, सागर | 8 लाख |
20 | कॉलेज, जैतवारा (सतना) | 9 लाख |
21 | पीजी कॉलेज, सिवनी | 7 लाख |
22 | कॉलेज, शहडोल | 7 लाख |
23 | शुक्ला कॉलेज, ब्योहारी | 5 लाख |
24 | पीजी कॉलेज, शुजालपुर | 6 लाख |
25 | संजय गांधी कॉलेज, सीधी | 6 लाख |
26 | राजनरायण स्मृति कॉलेज, सिंगरौली | 8 लाख |
27 | शा. महाविद्यालय, बड़नगर | 6 लाख |