सिविल सेवा आचरण नियमों में संशोधन का विरोध शुरू, कर्मचारी ने गिफ्ट नियमों पर भ्रष्टाचार का जताया खतरा

कई कर्मचारी संगठनों ने सिविल सेवा आचरण नियमों में प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया। मध्यप्रदेश सरकार 1965 के सिविल सेवा आचरण नियमों में संशोधन की योजना बना रही है।

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Dablu Kumar
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Bhopal. कई कर्मचारी संगठनों ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित सिविल सेवा आचरण नियमों में किए जाने वाले संशोधनों का विरोध शुरू कर दिया है। वहीं, कुछ कर्मचारियों का कहना है कि समय के साथ इन नियमों को सरल बनाना उचित है। राज्य सरकार जल्द ही 1965 में बनाए गए सिविल सेवा आचरण नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित संशोधनों में गिफ्ट से लेकर घरेलू सामान की खरीदारी और परिवार के किसी सदस्य के निजी नौकरी में जुड़ने पर सरकार को अनिवार्य सूचना देने के प्रावधानों में छूट देने का प्रस्ताव है।

ये हो रहे हैं सवाल

राजपत्रित इंजीनियर अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अशोक शर्मा ने कहा कि क्या गिफ्ट लेने देने में छूट देकर भ्रष्टाचार की छूट दी जा रही है? उन्होंने यह भी कहा कि कलेक्टरों को सीआर लिखने की छूट नहीं मिलनी चाहिए। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष गणेश चंद्र जोशी ने मंत्रालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के अटैचमेंट जैसे नियमों को समाप्त करने की बात कही। वहीं, मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि गिफ्ट से जुड़े नियमों को सरल बनाना एक अच्छा कदम है।

सिविल सेवा आचरण नियमों में बदलाव वाली खबर पर एक नजर

  1. कई कर्मचारी संगठनों ने सिविल सेवा आचरण नियमों में प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया।

  2. मध्यप्रदेश सरकार 1965 के सिविल सेवा आचरण नियमों में संशोधन की योजना बना रही है।

  3. संशोधन में गिफ्ट, घरेलू सामान की खरीदी और परिवार में निजी नौकरी आदि की सूचना देने के प्रावधानों में राहत दी जाएगी।

  4. राजपत्रित इंजीनियर अधिकारी संघ के अशोक शर्मा ने गिफ्ट नियमों में छूट देने पर भ्रष्टाचार का खतरा जताया।

  5. मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी संघ के सुधीर नायक ने गिफ्ट नियमों को सरल करने का समर्थन किया।

मध्यप्रदेश सरकार इस दिवाली को सरकारी कर्मचारियों के लिए खास बनाने जा रही है। अब चतुर्थ श्रेणी से लेकर क्लास वन अफसरों तक को कई नए फायदे मिलेंगे, जिनसे उनका जीवन आसान और बेहतर होगा। सरकार अपने पुराने सिविल सेवा आचरण नियमों में बदलाव करने जा रही है, जो करीब 60 साल पुराने थे। इस बदलाव के तहत, अब कर्मचारी महंगे गिफ्ट ले सकेंगे और इसके लिए सरकार को सूचना देने की जरूरत नहीं होगी।

इसके अलावा कई और बदलाव किए गए हैं जिनका मकसद कागजी काम को कम करना और कर्मचारियों के काम को और भी सरल बनाना है। ये कदम कर्मचारियों के लिए काफी राहत देने वाले साबित होंगे और दिवाली पर उन्हें खुशियां और सहूलत मिलेगी।

मप्र सिविल सेवा आचरण नियम में बड़ा बदलाव

मध्य प्रदेश सरकार 1965 के सिविल सेवा आचरण नियमों को 2025 में संशोधित कर सकती है। इस संशोधन के बाद सरकारी कर्मचारी महंगे गिफ्ट ले सकेंगे, और इसके लिए उन्हें सरकार को सूचना देने की आवश्यकता नहीं होगी। इस बदलाव से कर्मचारियों को अपना काम बिना किसी अड़चन के करने की सुविधा मिलेगी।

सरकार की कोशिश है कि इसे दिवाली से पहले कैबिनेट से मंजूरी मिल जाए और इसके बाद नोटिफाई भी कर दिया जाए। इसके बाद 1965 के आचरण नियमों को बदलकर 2025 के संशोधित आचरण नियम लागू किए जाएंगे। शासन का मानना है कि इन बदलावों से अनावश्यक कागजी कार्रवाई को खत्म किया जा सकेगा।

गिफ्ट लेने के तीन विकल्प

इस बदलाव के बाद, मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारी अपनी वेतन के बराबर गिफ्ट ले सकेंगे। इसके लिए तीन विकल्प रखे गए हैं:

  1. 10 दिन के वेतन के बराबर गिफ्ट

  2. 15 दिन के वेतन के बराबर गिफ्ट

  3. एक महीने के वेतन के बराबर गिफ्ट

यह विकल्प सिर्फ एक बार मंजूरी के साथ लागू होगा। पहले के नियमों के अनुसार, किसी भी उपहार को लेकर कर्मचारियों को सरकार को एक महीने के अंदर सूचना देनी होती थी। नए नियमों में यह बाध्यता खत्म कर दी गई है।

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सामान खरीदने के नियमों में बदलाव

अब सरकारी कर्मचारियों को कोई भी महंगा सामान खरीदने पर सरकार को सूचना देने की आवश्यकता नहीं होगी, अगर वह सामान उनके मासिक वेतन के बराबर है। इससे पहले, किसी भी सामान की खरीदारी पर, कर्मचारियों को सरकार को एक महीने के भीतर सूचित करना पड़ता था।

छुट्टी लेने के नियमों में बदलाव

जानकारी के अनुसार, अब सरकारी कर्मचारी आकस्मिक या मेडिकल अवकाश लेने के लिए सिर्फ एक संदेश या व्हाट्सएप के जरिए अनुमति ले सकते हैं। अन्य छुट्टियों (अर्जित या ऐच्छिक) के लिए उन्हें पहले अनुमति लेनी होगी।

  • पुराना नियम: किसी भी प्रकार के अवकाश (जैसे मेडिकल, आकस्मिक, अर्जित या एच्छिक) लेने से पहले सरकार को सूचित करना पड़ता था।

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ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग

अगर कोई सरकारी कर्मचारी ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर रील या अन्य वीडियो बनाता है, तो इसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, कर्मचारियों को हाउसिंग सोसाइटियों के अध्यक्ष या सदस्य बनने की अनुमति भी मिल सकती है, बिना किसी पूर्व स्वीकृति के।

ये जानना जरूरी

इस बदलाव के बाद, सरकारी कर्मचारी को अब अपने परिवार के सदस्य द्वारा किसी प्राइवेट संस्था या कंपनी में नौकरी करने की सूचना सरकार को नहीं देनी होगी। 

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