INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग के बाहर दिसंबर 2024 में हुए महाआंदोलन के नेतृत्वकर्ता राधे जाट को लेकर अब संयोगितागंज पुलिस बुरी तरह उलझ गई है। इस मामले में संयोगिता पुलिस ने जाट को आदतन अपराधी बताते हुए बाउंडओवर के लिए नोटिस जारी किए थे। संयोगिता पुलिस के सहायक उप निरीक्षक ASI भरत सिंह के बयान ही DCP जोन 3 हंसराज सिंह की कोर्ट में प्रतिपरिक्षण में फेल हो गए। इसमें डीसीपी कोर्ट ने कार्रवाई नहीं की। इस पर अब याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। इसमें डीसीपी, एएसआई दोनों को पार्टी बनाया गया।
यह हुआ पूरा विवाद
राधे जाट के बाउंडओवर के लिए डीसीपी जोन 3 हंसराज सिंह की कोर्ट में केस पेश हुआ। इस दौरान दस्तावेज पेश हुए। इसमें दस्तावेज पेश करने वाले एएसआई भरत सिंह के 28 मई को बयान हुए। इस पर राधे जाट के अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने क्रास किया। इसमें सिंह से पूछा गया कि इस दस्तावेज में सील टीआई की है, तो क्या साइन भी उन्हीं की है। इस पर सिंह ने मना कर दिया और बताया गया कि सील उनके द्वारा लगाई गई और दस्तावेज पी2 व पी 4 में हस्ताक्षर की कूटरचना है। वहीं पी 1 में एएसआई दिलीप सिंह की साइन है जो टीआई नहीं है।
ये भी पढ़ें...
पीके फाउंडेशन ऑल इंडिया टेनिस चैंपियनशिप 2024 का समापन, युवा प्रतिभाओं ने जीता दिल
इंदौर के लव जिहादी मोहसिन पर नेशनल शूटर ने कराई 8वीं FIR, जान से मारने की धमकी दी
इस पर सिंह पर केस करने का आवेदन लगा
इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता जयेश गुरनानी ने डीसीपी कोर्ट में आवेदन दिया कि कानून के अनुसार कोर्ट में बयान गलत साबित होने पर गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होता है और तत्काल गिरफ्तारी होती है तो ऐसे में सिंह के बयान से साफ है कि कूटरचित हस्ताक्षर से यह केस पेश हुआ है तो उन पर केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
सिंह ने लगाया आवेदन, फिर से परीक्षण हो
इसी दौरान लगे इस आवेदन से हड़कंप मच गया। तत्काल सिंह ने डीसीपी को एक आवेदन दिया और इसमें कहा गया कि मुझसे प्रतिपरिक्षण में घुमा घुमाकर सवाल पूछे गए। मैंने उस समय चश्मा भी नहीं पहना था और मेरी तबीयत भी खराब थी, इसलिए हड़बड़ाहट में कुछ प्रश्नों के उतर भूलवश गलत दे दिए गए। इसलिए न्यायहित में फिर प्रति परिक्षण कराया जाए। इसके बाद डीसीपी कोर्ट से नोटिस जारी हुए और इसमें सिंह के आवेदन को मंजूर करते हुए 6 जून को फिर से प्रतिपरिक्षण के लिए केस लगाया गया।
हाईकोर्ट में लग गई याचिका
/sootr/media/post_attachments/90ab9807-c4c.jpg)
/sootr/media/post_attachments/938dbe33-927.jpg)
जाट और गुरनानी ने बताया कि डीसीपी कोर्ट द्वारा सिंह पर कार्रवाई नहीं की गई है। इसके खिलाफ हमने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है जिसमें मप्र शासन के साथ ही डीसीपी हंसराज सिंह और एएसआई भरत सिंह को पक्षकार बनाया गया है। जनवरी 2025 में संयोगितागंज थाने में राधे जाट पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए तीन साल कि लिए बाउंडओवर संबंध में नोटिस हुए थे और बाउंडओवर राशि 30 हजार रुपए तय हुई थी। इसके लिए डीसीपी कोर्ट में केस पुटअप हुआ और यह सब घटनाक्रम हुआ।
ये भी पढ़ें...
इंदौर CHL अस्पताल चेयरमैन डॉ. भार्गव, हार्ट सर्जन मनीष पोरवाल पर कोर्ट ने लिया गैर इरादतन हत्या केस का संज्ञान
इंदौर में NEYU के राधे जाट पर FIR के बाद छात्रों ने थाने पहुंचकर किया प्रदर्शन
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃
🤝💬👩👦👨👩👧👧
MPPSC | PSC | radhe jat | बाउंडओवर के भेजे नोटिस