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मध्य प्रदेश की नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार का कहना है कि बागरी ने अनुसूचित जाति के आरक्षण का गलत फायदा उठाया है। उनका आरोप है कि बागरी ने प्रशासनिक मिलीभगत से फर्जी जाति प्रमाण पत्र हासिल किया और आरक्षित सीट से चुनाव जीतकर मंत्री पद प्राप्त किया, जो संविधान और सामाजिक न्याय की मूल भावना के खिलाफ है।
कांग्रेस ने की निष्पक्ष जांच की मांग
प्रदीप अहिरवार ने राज्य सरकार को इस मामले में निष्पक्ष जांच करने का अनुरोध किया और कहा कि अगर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती, तो कांग्रेस हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को तैयार है। उनका कहना था कि बागरी ने नियमों का उल्लंघन करते हुए फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किया है, और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जाति प्रमाण पत्र
कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार के अनुसार, बागरी जाति को 1961 और 1971 की जाति जनगणना में अनुसूचित जाति में शामिल नहीं किया गया था। इसके अलावा, 2003 में मध्य प्रदेश सरकार और 2007 में भारत सरकार द्वारा जारी राजपत्र में यह स्पष्ट किया गया था कि राजपूत-ठाकुर समुदाय के 'बागरी' जाति के लोग अनुसूचित जाति का लाभ नहीं ले सकते। इसके बावजूद, आरोप है कि बागरी और उनके परिवार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया और आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा।
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प्रशासनिक मिलीभगत का आरोप
कांग्रेस का यह भी आरोप है कि बागरी के परिवार ने प्रशासनिक मिलीभगत से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया। मध्य प्रदेश सरकार ने 2003 में कलेक्टरों को निर्देश जारी किए थे कि बुंदेलखंड, महाकौशल और विंध्य क्षेत्र में रहने वाले राजपूत बागरी समाज के लोगों को अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी न किया जाए, लेकिन इसके बावजूद इस आदेश का उल्लंघन हुआ और फर्जी प्रमाण पत्र जारी होते रहे।
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आरक्षण नीति का दुरुपयोग
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बागरी ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और मंत्री पद प्राप्त किया। इसने उन योग्य अनुसूचित जाति के नेताओं के अवसरों को नुकसान पहुंचाया, जो समाज के असली प्रतिनिधि हो सकते थे। कांग्रेस ने यह भी कहा कि आरक्षण नीति का दुरुपयोग हुआ है, जिससे संविधान द्वारा प्रदान किए गए सामाजिक न्याय और समानता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।
कांग्रेस ने दी कोर्ट जाने की धमकी
कांग्रेस नेता प्रदीप अहिरवार ने कहा कि अगर राज्य सरकार इस मामले की गंभीरता से जांच नहीं करती, तो कांग्रेस इसे कोर्ट ले जाने की धमकी दी है।कांग्रेस ने कहा है कि इस मुद्दे को लेकर वो सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी। उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों से संगठित होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध करने की अपील की है। इस मामले ने न केवल राजनीतिक हलचल मचाई है, बल्कि आरक्षण नीति और सामाजिक न्याय की संवैधानिक परिभाषा पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
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