BHOPAL. टेंडर में मनमाने बदलाव, घटिया निर्माण और विवादित कार्यशैली के आरोप लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के लिए नए नहीं हैं। विभाग में ऊंचे ओहदों पर काबिज ज्यादातर अधिकारी किसी न किसी विवाद और आरोपों से घिरे रहे हैं। इन अधिकारियों के खिलाफ पसंदीदा कंपनियों को ठेका दिलाकर मुनाफा कमाने की शिकायतें भी मध्यप्रदेश सरकार तक पहुंचती रही हैं। इसी फेहरिस्त में विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता केपीएस राणा और पीआईयू के प्रमुख अभियंता का प्रभार संभाल रहे शालिगराम बघेल पर ईओडब्लू ने जांच शुरू कर दी है।
ईओडब्लू यानी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को दोनों प्रभारी प्रमुख अभियंता अधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। एनएचएआई में प्रभारी मुख्य अभियंता रहते हुए केपीएस राणा ने बीना टोल प्लाजा के निर्माण कार्य में देरी की वजह से निर्माण एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई की थी। राणा के निर्देश पर तब कंपनी राजेन्द्र सिंह किलेदार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को एक साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। इस कार्रवाई के केवल 13 दिन बाद ही राणा के इशारे पर किलेदार कंस्ट्रक्शन को साढ़े 7 किलोमीटर लंबे आष्टा बायपास सड़क निर्माण का ठेका दे दिया गया।
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ब्लैकलिस्ट कंपनी को दे दिया ठेका
38.39 करोड़ की लागत के इस टेंडर में न केवल नियमों बल्कि तत्कालीन ईएनसी की आपत्ति को भी दरकिनार किया गया था। नियम विरुद्ध ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 38.39 करोड़ की बायपास सड़क निर्माण का काम देने पर ईएनसी नरेन्द्र कुमार ने अपनी आपत्ति के साथ पत्र भी जारी किया था। इसमें 13 दिसम्बर 2022 को ब्लैक लिस्टेड करने के ठीक बाद उसी कंपनी की फाइनेंशियल बिड खोलने पर सवाल खड़े किए गए थे। हांलाकि ईएनसी की टिप्पणी के बाद जब तक यह मामला सामने आया तब चुनाव की आचार संहिता लग चुकी थी। इस वजह से गुपचुप तरीके से ब्लैक लिस्टेड कंपनी का टेंडर स्वीकृत कर दिया गया।
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ठेकों के खेल के दस्तावेजों की जांच
पीडब्लूडी में वापसी और प्रभारी प्रमुख अभियंता के पद पर बैठने के बाद राणा और पीआईयू में उनके समकक्ष दायित्व संभाल रहे शालिगराम बघेल पर टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी के आरोप लगे हैं। बघेल द्वारा कंपनियों को ठेका दिलाने में नियम विरुद्ध उनका सहयोग करने की शिकायतें ईओडब्लू तक पहुंची हैं। एक समान दायित्व के दो तकनीकी अधिकारियों के विरुद्ध टेंडर में खेल करने की शिकायतों के बाद ईओडब्लू ने अब जांच शुरू कर दी है। इसके लिए दोनों अधिकारियों के दायित्वों के अंतर्गत हुए निर्माण कार्यों के ठेकों के दस्तावेज और जानकारी खंगालने में जांच एजेंसी जुट गई है।