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MP NEWS: रायसेन में महिला एवं बाल विकास विभाग में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत हुए खुलासे में पता चला है कि विभाग हर महीने फोटो कॉपी दुकानों को 9000 रुपए का भुगतान करता है, वो भी बिना किसी जरुरी काम के। यह मामला भ्रष्टाचार और सरकारी पैसों के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल उठाता है।
RTI से फर्जी बिल का खुलासा
RTI activist हरीश मिश्र ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। मिली जानकारी के मुताबिक, दस्तावेजों से स्पष्ट हुआ है कि विभाग जिले की विभिन्न फोटो कॉपी और कंप्यूटर दुकानों को हर माह 9000 रुपए का भुगतान करता था। इन दुकानों में गौरव स्टेशनरी फोटो कॉपी (बरेली), खान कंप्यूटर एंड ऑल सॉल्यूशन (सांची), निलेश कंप्यूटर (बेगमगंज), धर्मेंद्र कंप्यूटर (रायसेन), अंकित कंप्यूटर्स (गैरतगंज), प्रमोद कंप्यूटर्स (बरेली), और मुस्कान कंप्यूटर्स (उदयपुर) शामिल हैं। इन दुकानों से जुड़े सभी बिल केवल महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए थे, और जांच में यह पाया गया कि इन दुकानों ने कभी भी अपनी सेवा में कोई बदलाव या वृद्धि नहीं की।
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नाम | क्रमांक | दिनांक | राशि |
---|---|---|---|
मुस्कान कम्प्यूटर, उदयपुरा | 246 | 30-3-24 | 9000 |
247 | 30-4-24 | 9000 | |
248 | 29-5-24 | 9000 | |
प्रमोद कम्प्यूटर, बरेली | 256 | 01-4-24 | 9000 |
257 | 05-5-24 | 9000 | |
258 | 22-5-24 | 9000 | |
अंकित कम्प्यूटर, गैरतगंज | 26 | 10-4-24 | 9000 |
28 | 06-5-24 | 9000 | |
30 | 10-6-24 | 9000 | |
धर्मेंद्र कम्प्यूटर, गैरतगंज | 52 | 29-3-24 | 9000 |
53 | 30-4-24 | 9000 | |
54 | 31-3-24 | 9000 | |
नीलेश कम्प्यूटर, बेगमगंज | 171 | 4-4-24 | 9000 |
173 | 6-5-24 | 9000 | |
175 | 31-5-24 | 9000 | |
खान कंप्यूटर एंड ऑल सॉल्यूशन, सांची | 280 | 1-4-24 | 9000 |
282 | 1-5-24 | 9000 | |
284 | 1-6-24 | 9000 | |
गौरव स्टेशनरी, फोटोकॉपी, बरेली | --- | 31-5-24 | 9000 |
95 | 31-8-24 | 9000 |
तय दुकान, तय राशि का खेल
दस्तावेजों में यह खुलासा हुआ कि प्रत्येक ब्लॉक में एक निर्धारित दुकान और तय राशि का भुगतान किया जा रहा था। यह पैटर्न रायसेन, बेगमगंज, गैरतगंज, उदयपुरा, बरेली, सिलवानी, औबेदुल्लागंज और सांची ब्लॉकों में एक जैसा पाया गया। यह स्पष्ट संकेत है कि विभागीय अधिकारियों और दुकानदारों के बीच गहरी मिलीभगत थी, जिसके कारण सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ।
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अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जब इस मामले को लेकर रायसेन के परियोजना अधिकारियों से सवाल किया गया, तो उन्होंने सफाई दी कि "भुगतान नियमानुसार होता है, दस्तावेजों की जांच करवा लेंगे।" हालांकि, सूचना का अधिकार से मिले दस्तावेज ही इस फर्जीवाड़े के सबसे बड़े सबूत बने हैं। अब यह देखना होगा कि क्या विभाग इस पर कार्रवाई करता है या मामले को दबा दिया जाएगा।