बीजेपी को जिताने उषा दीदी और संघ के कहने पर कांग्रेस में गया था

बीजेपी में शामिल हुए महू के नेता रामकिशोर शुक्ला ने बड़ा राजनीतिक दावा किया है। उन्होंने कहा कि वे पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक उषा ठाकुर की सहमति से कांग्रेस में गए थे।

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Rahul Garhwal
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Ramkishore Shukla said that he had joined Congress to contest elections on the request of Usha Didi and Sangh to make BJP win
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Ram Kishore Shukla Statement

संजय गुप्ता, INDORE. विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी से कांग्रेस में गए और अब फिर बीजेपी में शामिल हुए महू के नेता रामकिशोर शुक्ला ने बड़ा राजनीतिक दावा किया। उन्होंने बुधवार को महू में प्रेस वार्ता करते हुए दावा किया कि वे पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक उषा ठाकुर की सहमति से कांग्रेस में गए थे। चुनाव से पहले मुझे संघ के पदाधिकारी मित्र ने भी कहा था कि आपको कांग्रेस जॉइन करनी चाहिए। 

ये थी पूरी रणनीति, अंतरसिंह दरबार भी इसका हिस्सा

रामकिशोर शुक्ला ने कहा कि उषा दीदी का महू में बीजेपी के अंदर ही भारी विरोध था। भितरघात के चलते उनका चुनाव जीतना मुश्किल था। इसलिए रणनीति के तहत उन्हें जिताने के लिए बड़े नेताओं और खुद दीदी ने मुझे कांग्रेस में शामिल होने और चुनाव लड़ने के लिए कहा था। रणनीति थी कि कांग्रेस नेता (अंतर सिंह दरबार) के निर्दलीय लड़ने और मेरे कांग्रेस से प्रत्याशी बनने पर त्रिकोणीय चुनाव होने से कांग्रेस के वोट बंट जाएगा। इससे विधायक उषा ठाकुर आसानी से चुनाव जीत सकती हैं। इसी रणनीति का लाभ उठाकर दीदी इस बार महू से 35 हजार वोट से चुनाव जीत गईं। दरबार और शुक्ला दोनों अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। 

पहले ही बता दिया था चुनाव बाद बीजेपी में फिर ले लेंगे

राम किशोर शुक्ला ने कहा कि विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद मुझे बीजेपी में फिर शामिल कर लिया जाएगा, ये बता दिया था। दो पक्षों के विवाद के कारण थोड़ा समय लगा नहीं तो चुनाव बाद ही आना था। चुनाव से एक महीने पहले अक्टूबर में मुझे संघ के जिला पदाधिकारी ने संपर्क किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी प्रत्याशी का पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा खुलकर विरोध किया जा रहा है। जिस कारण लगता है कि बीजेपी यहां से चुनाव हार जाएगी। आपको कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ना पड़ेगा। कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिंह दरबार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे, इसकी व्यवस्था भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा की गई है।

'मैं वीरगति को प्राप्त हुआ, पांडवों की विजय हुई'

राम किशोर शुक्ला ने कहा कि मैंने जब विधायक उषा ठाकुर से चुनाव लड़ने के संबंध में चर्चा की तो उन्होंने भी स्वीकृति दी। उसके बाद ही मैंने चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। इन सभी घटनाक्रमों के बाद रणनीति तैयार की गई कि मुझे चुनावी महाभारत में कांग्रेस के चक्रव्यूह में लड़ने के लिए भेजा, इसमें मैं वीरगति को प्राप्त हुआ। पांडवों की विजय हुई। 

कांग्रेस में टिकट सज्जन सिंह, पटवारी ने दिलवाया

जब शुक्ला से पूछा गया कि आपको कांग्रेस में आते ही टिकट कैसे मिल गया। जवाब में उन्होंने कहा टिकट दिलाने को लेकर मेरी सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी सहित मेरे संबंधित मित्रों ने मदद की। इस पर मैंने कांग्रेस से चुनाव लड़ा। कई लोगों ने आरोप भी लगाए कि मैंने पैसे देकर टिकट पाया है। सबको बता दूं कि कमलनाथ ऐसे नेता हैं जिन्होंने पैसे नहीं लिए, बल्कि चुनाव लड़ने के लिए उल्टा मुझे पैसे दिए थे।

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उषा के बाद दूसरे नंबर पर दरबार और शुक्ला तीसरे नंबर पर थे

विधानसभा चुनाव में इस रणनीति का ये असर हुआ कि उषा ठाकुर को 1.02 लाख वोट मिले और वे चुनाव जीतीं। दूसरे नंबर पर रहे दरबार को 69 हजार तो कांग्रेस प्रत्याशी शुक्ला को 29 हजार करीब वोट मिले और वे तीसरे नंबर पर रहे।

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