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राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक 21, 22 और 23 मार्च 2025 को बेंगलुरु के निकट चेन्नहल्ली के जनसेवा विद्या केंद्र में संपन्न हुई। इसकी जानकारी देने के लिए संघ के मालवा प्रांत के संघचालक डॉ. प्रकाश शास्त्री द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वार्षिक प्रतिवेदन और पारित प्रस्ताव की जानकारी दी गई।
पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद संघ का विस्तार
बताया गया कि देश में 51 हजार 570 स्थानों पर संघ की हर दिन 83 हजार 129 शाखाएं संचालित की जाती हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार से अधिक हैं। बीते साल सरसंघचालक के आह्वान पर 2 हजार 453 स्वयंसेवकों ने संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए स्वयं को दो वर्ष के लिए विस्तारक के रूप में समर्पित किया। यह अहम जानकारी दी गई कि संघ वेबसाइट पर ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से साल 2012 से अब तक 12 लाख 72 हजार 453 से अधिक लोगों ने संघ से जुड़ने में रुचि दिखाई है। साथ ही ये भी बताया कि इनमें से 46 हजार से अधिक महिलाएं हैं। यानी हर साल औसतन एक लाख से ज्यादा लोग संघ से जुड़ने की रुचि रख रहे हैं। गौर करने की बात है कि यही वह समय है जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का नाम पीएम के लिए आगे बढ़ा और फिर साल 2014 में वह पहली बार पीएम बने। इसके बाद 2019 और फिर 2024 में बीजेपी ने वापस सत्ता में वापसी की और वह तीसरी बार पीएम बने।
इंदौर के बाद हैदराबाद में होगा विश्व संघ शिविर
संघ ने बताया कि देश भर में कुल 4 हजार 415 तीन दिवसीय प्रारंभिक वर्गों में 2 लाख 22 हजार 962 स्वयंसेवक शामिल हुए।आगामी सत्र में 96 स्थानों पर संघ शिक्षा वर्ग और कार्यकर्ता विकास वर्गों का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष भाग्यनगर ( हैदराबाद ) में विश्व संघ शिविर का आयोजन किया जाएगा। विश्व संघ शिविर में साठ देशों से दो हजार स्वयंसेवकों के आने की संभावना है। ऐसा विश्व संघ शिविर 2015 में इंदौर में लग चुका है।
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मालवा प्रांत में दस फीसदी बढ़ गई शाखाएं
संघ द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि मालवा प्रांत में 3 हजार 46 स्थानों पर 881 बाल और 150 महाविद्यालयीन विद्यार्थी शाखाओं सहित कुल 4 हजार 636 शाखाएं लग रही हैं। प्रांत में पिछले वर्ष की तुलना में 403 शाखाएं बढ़ी हैं। यह करीब दस फीसदी अधिक है। मालवा प्रांत में शाखाओं के विस्तार के लिए 12 हजार 170 ग्रामों में 9 हजार 59 कार्यकर्ताओं ने सात दिन का समय विस्तारक के रूप में दिया गया।
सामाजिक जागरूकता के लिए संघ कर रहा काम
कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि देश भर में शिक्षा, चिकित्सा, स्वावलंबन और सामाजिक जागरण से संबंधित कुल 89 हजार 706 सेवा गतिविधियां चल रही हैं। 1 हजार 84 स्थानों पर स्वयंसेवकों ने मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध और एक ही स्रोत से पीने का पानी लेने पर रोक जैसी गलत सामाजिक प्रथाओं को समाप्त करने का प्रयास किया है। प्रयागराज महाकुम्भ के लिए समुचित और सुचारू आधारभूत संरचना और प्रबंधन व्यवस्था बनाने और चलाने के लिए उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को बधाई दी गयी। कुम्भ को थर्मोकोल प्लेट या पॉलिथीन बैग मुक्त बनाने के लिए अनेक संगठनों के सहयोग से “एक थाली-एक थैला अभियान” चलाया।
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माता अहिल्याबाई की याद में कार्यक्रम
लोकमाता अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जयंती वर्ष में पूरे देश में कुल 21 हजार 778 कार्यक्रमों में 27 लाख 97 हजार 14 लोगों की सहभागिता रही। व्याख्यान, नाट्यमंचन, वृत्तचित्र निर्माण,मानवंदन यात्रा, मूर्ति स्थापना, मंदिर-घाट-नदी स्वच्छता और साहित्य निर्माण जैसे विभिन्न प्रेरणादाई कार्यक्रमों के द्वारा लोकमाता देवी अहिल्याबाई के कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य विभिन्न संगठनों के द्वारा किया गया।
बांग्लादेश में हिन्दुओं के उत्पीड़न पर प्रस्ताव
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में पारित 'बांग्लादेश के हिन्दू समाज के साथ एकजुटता से खड़े होने का आह्वान' शीर्षक वाले प्रस्ताव में बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों के हाथों हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हो रही हिंसा, उत्पीड़न और लक्षित उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की गई है। प्रस्ताव में धार्मिक असहिष्णुता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के इन कृत्यों की कड़ी निंदा की गई है।
संघ के 100 साल हो रहे पूरे
इस वर्ष विजयादशमी के दिन संघ के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह वर्ष संघ कार्य के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर केंद्रित होगा। संघ का उद्देश्य इस उपलब्धि का उत्सव मनाना नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन करना, संघ कार्य के लिए समाज द्वारा दिए समर्थन के लिए आभार प्रकट करना और राष्ट्र के लिए तथा समाज को संगठित करने के लिए स्वयं को पुनः समर्पित करना है। शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के पथ-संचलन का आयोजित किए जाएंगे। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान के द्वारा संघ साहित्य वितरित किया जाएगा।
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