Ratlam News : साले की जगह जीजा दे रहा था BA की परीक्षा, ऐसे खुला राज, अब दोनों जेल में

रतलाम के शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेड़ा में बीए की परीक्षा के दौरान मुन्ना भाई पकड़ा गया था। इस परीक्षा में साले के जगह जीजा को परीक्षा देते पकड़ा गया था। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है...

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Sandeep Kumar
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आमीन हुसैन @ Ratlam. रतलाम जिले के जावरा के समीप स्थित ग्राम कालूखेड़ा के शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में भोज मुक्त विश्वविद्यालय की बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा में एक अजीब घटना घटी। परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने के लिए साले के स्थान पर जीजा पहुंच गया और परीक्षा देने लगा। पर्यवेक्षक ने जब फोटो मिलान किया तो यह धोखाधड़ी उजागर हो गई। इस पर प्राचार्य ने कालूखेड़ा थाना पर रिपोर्ट दर्ज करवाई और मामला न्यायालय में चला गया। करीब दस वर्षों के बाद अब इस मामले में न्यायालय ने आरोपी जीजा और साले को दो-दो साल की सजा सुनाई है और उन पर अर्थदंड भी लगाया है।

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प्राचार्य की शिकायत पर एक्शन

15 जून 2015 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेड़ा की प्राचार्य संजना चौहान ने थाना कालूखेड़ा में एक आवेदन दिया था, जिसमें बताया गया था कि भोज मुक्त विश्वविद्यालय की बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए गोपाल नामक परीक्षार्थी को उपस्थित होना था। लेकिन गोपाल के रोल नंबर पर देवकरण नामक व्यक्ति परीक्षा देने पहुंचा। पर्यवेक्षक ने फोटो मिलान करते समय पाया कि देवकरण की फोटो गोपाल से मेल नहीं खाती। जब इस बारे में जांच की गई, तो देवकरण ने स्वीकार किया कि वह गोपाल के स्थान पर परीक्षा दे रहा था।

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पुलिस की कार्रवाई

प्राचार्य द्वारा मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की। आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 120 बी और म.प्र. मान्यता परीक्षा अधिनियम 1984 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की विवेचना की और न्यायालय में अभियोग प्रस्तुत किया।

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कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने साक्ष्यों और तर्कों के आधार पर देवकरण और गोपाल को दोषी ठहराया। न्यायालय ने देवकरण और गोपाल दोनों को धारा 419 (धोखाधड़ी) में दो-दो साल की सश्रम कारावास और 1000-1000 रुपए का अर्थदंड लगाया। इसके अलावा, म.प्र. मान्यता परीक्षा अधिनियम 1984 की धारा 4 के तहत उन्हें 6-6 महीने की सजा और 1000-1000 रुपए का अर्थदंड भी दिया गया।

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