पवन सिलावट@raisen: मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में एक बार फिर धर्मांतरण (Religious Conversion) का मामला सामने आया है। जिले में ईसाई मिशनरी द्वारा भील आदिवासी समाज के लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। आरोप है कि आदिवासी महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को शिक्षा, स्वास्थ्य और पैसों का लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। हिंदू धर्म के लोगों के धर्मांतरण की खबर लगते ही हिंदू संगठनों ने विरोध जताया और पुलिस को पूरे मामले में सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
लालच देकर आदिवासियों का धर्मांतरण
दरअसल, पूरा मामला देवनगर थाना क्षेत्र के बड़कोई गांव से सामने आया है। यहां भोपाल से आए हुए ईसाई मिशनरी से जुड़े लोगों द्वारा धर्मांतरण के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और पैसों का प्रलोभन दिया जा रहा था। गांव में पहुंचे ईसाई मिशनरी लोग भोले भाले आदिवासियों को हिंदू धर्म छोड़ने के लिए लालच दे रहे थे।
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शिकायत पर पुलिस की कार्रवाई
धर्मांतरण के लिए लालच देने को लेकर एक फरियादी और हिंदू संगठनों की शिकायत के बाद पुलिस ने एक्शन लिया और मौके से मिशनरी के दो पुरुषों और एक महिला को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से ईसाई धर्म से जुड़ी कई धार्मिक पुस्तक और धर्मांतरण से जुड़े हुए दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
हिंदू संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई करने की मांग
आदिवासी बहुल क्षेत्र में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों को लेकर हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध जताया है। साथ ही पुलिस से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री बद्री पाराशर ने कहा कि भोपाल से आकर ये लोग वनभूमि पर कब्जा करते हैं और फिर धर्मांतरण करते हैं।
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धर्मांतरण मामले में पुलिस का बयान
एसडीओपी गैरतगंज आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि हमें धर्मांतरण को लेकर शिकायत मिली थी, पुलिस प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर एक महिला और दो पुरुषों को हिरासत में लिया है। जिनके पास से धर्मांतरण से जुड़े हुए दस्तावेज और धार्मिक पुस्तकें मिली है। मामले में आरोपियों से पूछताछ जारी है।
धर्मांतरण से जुड़ा पहला मामला नहीं
बता दें कि जिले में धर्मांतरण से जुड़ा हुआ यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के खेड़ी में धर्मांतरण से जुड़ी हुई एफआईआर बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो द्वारा दर्ज कराई गई थी। इसके साथ ही गोहरगंज और मंडीदीप क्षेत्र में भी धर्मांतरण से जुड़ी हुई शिकायतें सामने आई थी जिस पर पुलिस ने जांच कर कार्रवाई की थी।
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