संजय शर्मा, BHOPAL. अपने मनमाने प्रोजेक्ट को लेकर विवादों में रहने वाला हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड अब फिर चर्चा में है। रेरा (RERA) (भू सम्पदा विनियामक) प्राधिकरण ने बोर्ड के छह से ज्यादा हाउसिंग प्रोजेक्ट ( housing projects ) को रद्द कर दिया है। ये प्रोजेक्ट भोपाल, ग्वालियर, सतना, सागर और रतलाम के लिए बनाए गए थे। इन प्रोजेक्ट की प्लानिंग में कई कमियां और दस्तावेजों की गड़बड़ी पकड़ में आने के बाद रेरा ने यह कार्रवाई की है। प्रोजेक्ट प्लानिंग में जल्दबाजी झटके का कारण बनी है। दरअसल MPHIDB में साल 2023 से प्रोजेक्ट प्लानिंग का जमकर खेल चल रहा है। साल 2022 में आखिरी माह में आईएएस अफसर चंद्रमौली शुक्ला बोर्ड के कमिश्नर बने थे। उनके बैठने के बाद शुरू हुआ प्रोजेक्ट- प्लानिंग और कमीशन का यह खेल अब सरपट चल रहा है। शासन की मंशा के बिना ही घाटे के प्रोजेक्ट बनाने और टेंडर जारी करने के इस खेल की वजह वह मोटा कमीशन बन गया है जो ठेकेदारों से मिलता है।
प्रोजेक्ट तैयार करने के नाम पर ऐसे होता है खेल
MPHIDB के हाउसिंग प्रोजेक्ट रेरा द्वारा रद्द करने की बात से पहले हम आपको बताते हैं अखिर तगड़े कमीशन का माजरा क्या है। दरअसल हाउसिंग बोर्ड सरकार की एक संस्था है जो प्रदेश के शहरों के लिए प्रोजेक्ट तैयार करती है। यह संस्था सेल्फ फाइनेन्स्ड है। यानी संस्था प्रोजेक्ट बनाने और उन्हें बेचकर अपना खर्च चलाती है। जिन प्रोजेक्ट को शासन से क्लीयरेंस मिलता है तब रेरा में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद टेंडर लगाए जाते हैं। करोड़ों रुपए की लागत के इन प्रोजेक्ट को हासिल करने कॉन्ट्रेक्टर्स में प्रतिस्पर्धा होती है। कॉन्ट्रेक्टर्स इन प्रोजेक्ट को हासिल करने के बदले मोटा कमीशन भी देते हैं। बस इसी के लालच में बोर्ड में ऊपर से नीचे तक बैठे अफसर सभी नियमों को भूल जाते है। यानी बोर्ड पहले एजेंसी हायर कर तगड़ी फीस देकर प्रोजेक्ट तैयार कराती है। कंसल्टेंट एजेंसी से मिलने वाले कमीशन के चलते इसकी परवाह भी नहीं की जाती की प्रोजेक्ट घाटे का तो नहीं है।
रेरा ने पैतरेबाजी पकड़ में आने पर रद्द किए प्रोजेक्ट
MPHIDB ने साल 2023 में भोपाल के खजूरी कलां में 147 रो-हाउस, ग्वालियर के थाटीपुर में कमर्शियल-रेसिडेंशियल काम्प्लेक्स, सागर के मकरोनिया में सतना के शरदापुरी, रतलाम में स्वर्ण सागर और पन्ना में हाउसिंग प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के लिए रेरा में आवेदन किया था। हाउसिंग बोर्ड इन प्रोजेक्ट की प्लानिंग और रजिस्ट्रेशन के लिए इतना उतावला था की रजिस्ट्रेशन प्रोसेस में गड़बड़ी कर गया। बोर्ड ने दस्तावेजों में कई सामान्य गलतियां तो की ही है, लेकिन कुछ जगह पैतरेबाजी भी दिखाने की कोशिश की। लेकिन हाउसिंग प्रोजेक्ट को परमिट करने वाले रेरा ने जांच में इन कमियों और चालबाजी को पकड़ लिया। रेरा ने इन कमियों को सुधारने का मौका भी MPHIDB को दिया था। अपने ही जाल में फंसे बोर्ड को कुछ सूझा नहीं और रेरा ने बोर्ड के हल्के दावों को खारिज कर प्रोजेक्ट को रजिस्टर्ड करने से इंकार कर दिया।
एक के बाद एक बना रहे घाटे के प्रोजेक्ट
देवास जिले से ट्रांसफर के बाद आईएएस चंद्रमौली शुक्ला ने MPHIDB की कमान संभाली थी। साल 2022 के अंतिम माह तक भरत यादव यह जिम्मेदारी उठा रहे थे। यादव के कार्यकाल में मनमानी प्लानिंग पर अंकुश था और ऑफिसों में कॉन्ट्रेक्टर कम ही दिखते थे। जबकि बोर्ड में शुक्ला के आते ही गाइड लाइन तोड़कर घाटे के प्रोजेक्ट प्राथमिकता बन गए हैं। कमियों के कारण कई शहरों के प्रोजेक्ट रद्द होने की स्थिति बोर्ड की जल्दबाजी बयां कर रही है।
इन प्रोजेक्ट में मिलीं बेहिसाब खामियां...
भोपाल :
प्रोजेक्ट- रो-हाउस खजूरी कलां
कब किया रद्द- 19 जनवरी 2024
कमियां :
भूमि के दस्तावेज बेमेल, लेआउट भी स्पष्ट नहीं।
नजूल से NOC नहीं ली गई।
प्रमोटर को लेकर भ्रामक जानकारी दी।
नगर निगम की निर्माण अनुमति का रेनुअल नहीं ।
प्रोजेक्ट का डेव्लपमेंट की अनुमति नहीं ली।
प्रोजेक्ट अपार्टमेंट सेल का बनाया लेकिन प्लॉट सेल भी जोड़ दिया।
ग्वालियर :
प्रोजेक्ट- कमर्शियल-रेसिडेंशियल काम्प्लेक्स, थाटीपुर
कब किया रद्द- 26 मार्च 2023
कमियां :
बिल्डिंग प्लान स्पष्ट नहीं
encumbrance certificate पेश नहीं किया
नजूल से NOC नहीं ली
भूमि के दस्तावेज में मालिक का नाम नहीं, तीन खसरे भी नहीं दिए।
प्रोजेक्ट की जमीन 6.606 हेक्टेयर बताई जबकि खसरे में 5. 293 हेक्टेयर दर्ज।
भूमि आवंटन की जानकारी का ब्यौरा नहीं।
इंजीनियर की डिजाइन में भी जमीन का size अलग
सागर :
प्रोजेक्ट- हाउसिंग प्रोजेक्ट मकरोनिया
कब किया रद्द- 22 सितम्बर /2023
कमियां :
भूमि पर निर्माण अनुमति का डॉक्यूमेंट नहीं।
प्रोजेक्ट के लिए उपलब्ध भूमि के स्वामित्व पर विवाद।
3.80 हेक्टेयर भूखंड पर प्लानिंग पर दस्तावेज नहीं दिए।
प्रोजेक्ट कितने समय में पूरा होगा इसकी डिटेल भी नहीं दी।
प्रोजेक्ट एग्रीमेंट के दस्तावेजों में भिन्नता।
सतना :
प्रोजेक्ट- हाउसिंग प्रोजेक्ट शरदपुरी कॉलोनी
कब किया रद्द- 1 नवंबर 2023
कमियां :
encumbrance certificate पेश नहीं किया।
भूखंड का 18 साल पुराना खसरा पेश किया गया।
टीएंडसीपी और निर्माण अनुमति में जमीन का अलग- अलग क्षेत्रफल।
प्रोजेक्ट में शामिल जमीन के खसरे गायब।
अपार्टमेंट निर्माण के प्रोजेक्ट के ड्राफ्ट एग्रीमेंट में प्लॉटिंग का भी जिक्र।
पार्किंग, कॉमन एरिया और उपलब्ध सुविधाओं का उल्लेख नहीं।
रतलाम :
प्रोजेक्ट- स्वर्ण सागर फेस -2
कब किया रद्द- 9 अक्टूबर 2023
कमियां :
प्रोजेक्ट की जमीन के दस्तावेज पेश नहीं किए।
खेती की जमीन पर प्लानिंग की लेकिन चेंज ऑफ़ यूज सर्टिफिकेट नहीं दिया।
प्लान में क्षेत्रफल 10.949 हेक्टेयर बताया जबकि दस्तावेजों में केवल 3.7865 ही दर्ज
कॉलोनी डेव्लपमेंट प्लान के लिए अधिकृत संस्था की जगह पंचायत से ली अनुमति।
निर्माण अनुमति में खसरानंबर बदला। प्रोजेक्ट की प्लानिंग में भी किया बदलाव।
पन्ना :
प्रोजेक्ट- पार्ट-1 एंड पार्ट-2 प्राणनाथपुरम कॉलोनी
कब किया रद्द- 18 अक्टूबर 2023
कमियां :
encumbrance certificate पेश नहीं।
प्रोजेक्ट भूमि के लिए नजूल से सर्टिफिकेट नहीं लिया।
भूमि लैंड रिकॉर्ड में किस उपयोग में दर्ज इसका खुलासा नहीं।
भू आवंटन आदेश के सम्बन्ध में प्रमोटर एग्रीमेंट उपलब्ध नहीं।
प्रोजेक्ट डेवलपमेंट के लिए अनुमति नहीं ली।