इंदौर के 500 से ज्यादा अर्धसैनिक बल के रिटायर्ड अफसर बोले, जरूरत पड़ी तो हम जाएंगे युद्ध लड़ने
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालात के बीच इंदौर में बीएसएफ और अन्य अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त हुए 500 से अधिक जवानों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र सौंपा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ शुरू हुए भारत के युद्ध को लेकर पूरे देश में देशभक्ति का जज्बा उमड़ पड़ा है। इसके प्रमाण इंदौर से मिलने शुरू हो गए हैं। जहां एक ओर इंदौर के ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने पूरे मप्र से 7.5 लाख ट्रक भारतीय सेना के लिए भेजने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है तो अब इंदौर के 500 से ज्यादा अर्धसैनिक बल के रिटायर्ड अफसरों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र सांसद शंकर लालवानी को सौंपा है। उसमें कहा गया है कि जरूरत पड़ी तो फिर सीमा पर हाजिर होंगे।
सांसद शंकर लालवानी को सौंपा प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण हालात के बीच इंदौर में बीएसएफ और अन्य अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त हुए 500 से अधिक जवानों और अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक पत्र सौंपा है। इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट लिखा है कि राष्ट्र की आवश्यकता पड़ने पर वे फिर से देश सेवा के लिए तत्पर और उपलब्ध हैं।
यह पत्र शुक्रवार को इंदौर सांसद शंकर लालवानी को सौंपा गया, जिसे वे माननीय प्रधानमंत्री तक पहुंचाएंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि इन पूर्व सैनिकों ने युद्धकाल और संकट की परिस्थितियों में राष्ट्र की सेवा की है, और आज भी उनमें वही जोश और संकल्प है।
इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि “आज मुझे बीएसएफ और अन्य अर्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त अधिकारियों और जवानों ने मुलाकात कर यह पत्र सौंपा। यह देखकर गर्व होता है कि देश के सच्चे सिपाही, सेवा काल के बाद भी भारत मां के लिए सदैव तैयार हैं। भारत अपने सैनिकों और सुरक्षाबलों का हमेशा ऋणी रहेगा।
पूर्व सैनिकों की ओर से ऑल इंडिया बीएसएफ एक्समैन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय कुमार जैन ने कहा कि “हमने सांसद शंकर लालवानी को प्रधानमंत्री के नाम यह आवेदन सौंपा है। हम सब पूर्व सैनिक अपने राष्ट्र के लिए फिर से सेवा देने को तैयार हैं। आवश्यकता पड़ने पर हम एक बार फिर वर्दी पहनने और सीमा पर खड़े होने को तैयार हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद इंदौर के ट्रांसपोर्टर्स ने देशसेवा की मिसाल पेश की है। इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर साढ़े सात लाख ट्रकों को भारतीय सेना के परिवहन के लिए देने की पेशकश की है। पाकिस्तान से युद्ध जैसे हालात के बीच मप्र के सभी ट्रक ड्राइवरों और कंडक्टरों के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। सीएल मुकाती ने बताया कि कारगिल युद्ध के दौरान भी संगठन ने एक हजार ट्रक सेना को दिए थे। ट्रक ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया है कि वे सेना के ट्रांसपोर्ट कार्यों में सहायता के लिए अपने ट्रकों को उपलब्ध कराना चाहते हैं। संगठन ने 8 मई को इस आशय का पत्र जारी किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने जानकारी दी कि प्रदेश भर के लगभग साढ़े सात लाख ट्रक सेना की सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।