अफसरों की बेरुखी से राजस्व विभाग में बढ़ी शिकायतों की पेंडेंसी, ग्रेडिंग बिगड़ी

व्यवस्था को तेज और पारदर्शी बनाने के सरकार के प्रयास के बाद भी कई विभागों का लचीला ढर्रा पटरी पर नहीं आ रहा है। इन विभागों के अधिकारी भी सरकार के नवाचारों में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

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Sanjay Sharma
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Photograph: (the sootr)

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BHOPAL. व्यवस्था को तेज और पारदर्शी बनाने के सरकार के प्रयास के बाद भी कई विभागों का लचीला ढर्रा पटरी पर नहीं आ रहा है। इन विभागों के अधिकारी भी सरकार के नवाचारों में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। स्थिति ये है कि विभागों में अब भी काम तय अवधि में नहीं हो रहे हैं। जनसमस्याओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण में भी कई विभाग सरकारी रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुए हैं। सरकार द्वारा कराई गई ग्रेडिंग में राजस्व विभाग की स्थिति सबसे खराब मिली है। दो महीने पुरानी ग्रेडिंग में राजस्व विभाग में 12 हजार से ज्यादा शिकायतें लंबित पाई गई है। शिकायतों के समाधान में पिछड़ने के बाद अब सरकार राजस्व विभाग को कसने की तैयारी कर रही है। 

ग्रेडिंग में राजस्व की हालत खराब 

मध्यप्रदेश में विभागों तक पहुंचने वाली जनता की शिकायतों के निराकरण के लिए सरकार ने अवधि तय की है। शिकायतों के तय समय में समाधान की निगरानी के लिए सरकार द्वारा ग्रेडिंग का खाका तैयार किया गया है। जिसके आधार पर विभागों तक आने वाली शिकायत और उनके समाधान की स्थिति की समीक्षा की जाती है। हर महीने इस समीक्षा के बाद विभागों की रैंकिंग सूची भी जारी होती है। सरकार द्वारा दो महीने पहले विभागवार की गई ग्रेडिंग के बाद जो सूची जारी की गई है उसमें सभी विभागों की रैंकिंग है। शिकायतों के समाधान के आंकड़ों के आधार पर रैंकिंग को अलग-अलग केटेगरी में रखा गया है। 

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राजस्व में अटकीं 12 हजार शिकायत 

सरकार की ग्रेडिंग में जनता की शिकायतों के समाधान में 30 विभागों को प्रथम समूह में रखा गया है। पूरे महीने में इन विभागों तक एक हजार से ज्यादा शिकायतें पहुंची थीं। वहीं एक हजार से कम शिकायतों के चलते 22 विभाग दूसरे समूह में शामिल किए गए हैं। ग्रुप A में रखे गए 30 विभागों में सबसे खराब हालत राजस्व विभाग की बताई गई है। विभाग को 57 हजार शिकायत मिली थीं जिनमें से 22 फीसदी यानी 12540 का निराकरण नहीं किया गया। जो 78 फीसदी शिकायतें बंद की गई उनमें से भी केवल 44 फीसदी में ही शिकायतकर्ता ने संतुष्टि जताई है। वहीं इसी कैटेगरी में 54 हजार शिकायतों में से 88 फीसदी का निराकरण कर पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग दूसरे नंबर पर रहा है। यहां भी 9 फीसदी मामलों को दबाव के जरिए बंद कराने का पता चला है। 

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6 विभागों में शिकायतों का अंबार 

प्रदेश में शिकायतों के समाधान की समीक्षा में सबसे ज्यादा 57,622 शिकायत राजस्व विभाग पहुंची थीं। वहीं पंचायत एवं ग्रामीण विभाग में 54,681, नगरीय प्रशासन विभाग में 38,398, गृह विभाग में 37,192, ऊर्जा विभाग में 28,766, स्वास्थ्य विभाग में 27,466, पीएचई में कुल 23,911 शिकायतें पहुंची थीं। इस आधार पर सबसे ज्यादा शिकायतों के मामले में राजस्व विभाग पहले, पंचायत एवं ग्रामीण विकास दूसरे, नगरीय प्रशासन तीसरे, गृह विभाग चौथे, ऊर्जा पांचवे, स्वास्थ्य छठवे और पीएचई सातवे स्थान पर रहा है।  

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