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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कचरा प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण के पैमाने में बदलाव किया जा रहा है। कचरा प्रबंधन में बदलाव के लिए नया 6 आर फार्मूला (6R Formula) लागू किया है। इससे शहर में कचरे का निपटान और पुनर्चक्रण करने के तरीके में सुधार होगा। साथ ही, भोपाल नगर निगम के 85 वार्डों में सेग्रीगेशन सेंटर और रिसाइकल हब जैसे नए केंद्र बनाए जाएंगे। यह कदम भोपाल को स्वच्छ और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में और क्या बदलाव किए जा रहे हैं।
बनेंगे सेग्रीगेशन सेंटर, कचरे का पुनर्चक्रण होगा आसान
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को स्वच्छ और साफ-सुथरा बनाने के लिए केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण का पैमाना फिर से बदलने जा रहा है। यह बदलाव खासतौर पर कचरा प्रबंधन को लेकर किया जा रहा है, जिसमें अब रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल के साथ रिकवर, रीडिजाइन और रीमैन्युफैक्चरिंग भी जोड़ा जाएगा। इसके तहत, भोपाल इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में कचरे को प्रबंधित करने के नए तरीके लागू किए जाएंगे।
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भोपाल में होगा 6 आर फार्मूला लागू
भोपाल नगर निगम अब ट्रिपल आर (Reduce, Reuse, Recycle) के बजाए 6 आर फार्मूला लागू करेगा। इसमें नए दिशा-निर्देशों के तहत कचरे को सेग्रीगेट करके इसका पुनः उपयोग किया जाएगा। निगम ने इस फार्मूला के तहत कई पहल की योजना बनाई है, जैसे कि गीला-सूखा कचरा और बायो वेस्ट का अलग-अलग प्रबंधन, और हर वार्ड में सेग्रीगेशन सेंटर की स्थापना। अब सभी नगर निगम को अब 6 आर फार्मूला लागू करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
भोपाल के लिए मॉडल तैयार
भोपाल नगर निगम का दावा है कि इस मॉडल से शहर से हर दिन निकलने वाले 850 मीट्रिक टन कचरे का 50% तक मौके पर ही मैनेज किया जाएगा। इसके अलावा, निगम ने रिसाइकल हब बनाने की भी योजना बनाई है, जहां 12 स्थानों पर दोबारा इस्तेमाल योग्य सामग्री का पुनर्चक्रण किया जाएगा। 600 मीट्रिक टन कचरे का रियल टाइम कलेक्शन कर प्रोसेसिंग की जाएगी और सीएनजी प्लांट में कचरे से सीएनजी बना कर विभागीय वाहनों में इस्तेमाल किया जाएगा।
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सीएनजी में कन्वर्ट होंगे निगम के वाहन
निगम के 833 वाहनों को सीएनजी में कन्वर्ट करने की योजना है, ताकि पेट्रोल और डीजल की खपत को कम किया जा सके। इसके साथ ही, 36 एकड़ में रिमेडिएट साइट बनाई जाएगी, जहां जैविक कचरे का निपटारा होगा। साथ ही दानापानी में कोकोनट प्लांट बनेगा। (Bhopal News)
6 आर फार्मूले में शहरों का मूल्यांकन
दरअसल, केंद्र सरकार ने स्वच्छता के मामले में टॉप-10 में शामिल शहरों के लिए स्वच्छता सर्वे सुपर लीग की घोषणा की थी। 12500 अंकों की इस प्रतियोगिता में राजधानी भोपाल और सबसे स्वच्छ शहर इंदौर को शामिल किया था। दोनों शहरों ने जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर सहित इंदौर आइआइएम में प्रजेंटेशन दिया था। अब स्वच्छता सर्वे 2026 में सिक्स आर फार्मूले के तहत शहरों का मूल्यांकन किया है। फिलहाल, इसके अंक का फार्मेट जारी होना बाकी है। भोपाल नगर निगम के आयुक्त हरेंद्र नारायण ने कहा कि कचरा प्रबंधन के मापदंड भविष्य में इस फार्मूले के हिसाब से तय किए जा रहे हैं। इस बजट में नए कामों के लिए वित्तीय प्रबंध किए गए हैं।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ भोपाल में 6 आर फार्मूला लागू किया जा रहा है, जिसमें कचरे का निपटान और पुनर्चक्रण शामिल है।
✅ निगम द्वारा हर वार्ड में सेग्रीगेशन सेंटर और रिसाइकल हब बनाए जाएंगे।
✅ सीएनजी प्लांट से कचरे से सीएनजी बनाकर विभागीय वाहनों में इस्तेमाल किया जाएगा।
✅ 36 एकड़ में जैविक कचरे को निपटाने के लिए रिमेडिएट साइट बनाई जाएगी।
✅ स्वच्छता सर्वे 2026 में कचरा प्रबंधन के नए पैमानों पर आधारित होगा।
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