जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती द्वारा हिंदुत्व को लेकर दिए गए बयान पर विवाद छिड़ गया है। उनके बयान के विरोध में साधु-संत देशभर से एकत्रित हो रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक बड़ी बैठक आयोजित की जा रही है।
रीवा में साधु-संत की बैठक
रीवा जिले के झलबदरी धाम झुरहा आश्रम विश्वविद्यालय परिसर में 1008 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस महायज्ञ के दौरान संत इल्तिजा के बयान के खिलाफ बैठक करेंगे। चित्रकूट से आए एक संत ने तो यह तक कह दिया कि जो भी महबूबा मुफ्ती और उनकी बेटी इल्तिजा के मुंह में गोबर भरकर पट्टी बांध देगा, उसे बड़ा इनाम मिलेगा। एक अन्य संत ने त्रिशूल दिखाते हुए कहा कि अब शस्त्र उठाने का समय आ गया है।
हिंदू धर्म के खिलाफ बोलने वाले...
चित्रकूट और देश के प्रसिद्ध संत सनकादिक महाराज ने इल्तिजा के बयान को निंदनीय बताते हुए कहा कि ऐसे लोग बोलने लायक नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है,और इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द ही हो सकती है। वह उन लोगों को भी जवाब देने की बात कर रहे थे जिन्होंने हिंदू धर्म को बीमारी कहा था, और उनका मानना है कि जो लोग हिंदू धर्म के खिलाफ बोलते हैं, वे देश में रहने के लायक नहीं हैं।
पांच-पांच बच्चे पैदा करने की नसीहत
नर्मदा घाट के प्रसिद्ध संत सीताराम दास जी महाराज ने हिंदू समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सभी हिंदू अब पांच-पांच बच्चे पैदा करें। उनका कहना था कि हिंदुओं की संख्या में कमी आई है, जबकि अल्पसंख्यक समुदाय की संख्या में वृद्धि हो रही है।
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भारत को बांग्लादेश बनाने तैयारी
दमोह से आए संत जयरामदास त्यागी ने इस विषय पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिस देश में इतनी बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं, वहां ऐसे बयान कैसे दिए जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भारत को जल्द ही बांग्लादेश जैसा बना दिया जाएगा।
'हिंदू धर्म कोई मजाक नहीं'
चित्रकूट से रीवा में आए संत बालक दास महाराज ने कहा कि उन्होंने महबूबा मुफ्ती की बेटी और ओवैसी के बयान का विरोध किया। उनका कहना था कि अगर हिंदू धर्म पर इस तरह की अनर्गल टिप्पणियां की जाएं तो उन पर जवाब देना आवश्यक है, ताकि उन्हें हमेशा याद रहे कि हिंदू धर्म कोई मजाक नहीं है। इसके अलावा काशी के संत गोविंद दास ने भी इस विषय पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि ऐसे बयानों का विरोध करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कुंभ के दौरान इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाया जाएगा।
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल, यह विवाद 6 दिसंबर को वायरल हुए एक वीडियो के बाद शुरू हुआ था, जिसमें दावा किया गया था कि कुछ लोग नाबालिग मुस्लिम लड़कों को 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। इस वीडियो को इल्तिजा मुफ्ती ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था, लेकिन बाद में इसे हटा लिया। 7 सितंबर को उन्होंने हिंदुत्व को एक बीमारी बताया था, जिसके बाद से ही सभी जगह उनकी आलोचना हो रही है।
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