Rewa child Kidnapping case : 37 लाख रुपए में बेचे गए 6 माह के मासूम की अजब कहानी

किडनैपिंग की खबरें आपने तो बहुत सुनी और पढ़ी होंगी, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खबर से रुबरू करवाएंगे, जिसकी दांस्ता जानकर आप हैरान हो जाएंगे, और ये सोचने पर विवश हो जाएंगे कि आखिर उस मासूम की किडनैंपिग के बाद उसे दो बार बेचा क्यों गया...

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Sandeep Kumar
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BHOPAL. किडनैपिंग ( Kidnapping ) की ये पूरी घटना मध्य प्रदेश की रीवा जिले के सिविल लाईन से बीते मंगलवार यानी ( 07 मई 2024 ) की रात से जुड़ी है। पुलिस के मुताबिक उस रात रीवा के सिविल लाईन में अज्ञात बाईक सवार बदमाश आते हैं और फुटपाथ पर मां- बाप के साथ सो रहे 6 महीने के मासूम बच्चे को अगवा कर लेते हैं। मासूम के अपहरण की घटना से पूरे जिले में हड़कंप मच जाता है। आनन- फानन में पुलिस प्रशासन ने मासूम की तलाश के लिए दबिश देना शुरू किया। पुलिस का सर्चिंग अभियान रंग लाया। पुलिस ने बच्चे को मुंबई के कल्याण से बरामद किया, साथ ही अपहरण मामले में 6 आरोपियों को भी गिरफ्तार करके रीवा लाया गया है।

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दो बार बेचा गया मासूम

जांच में पाया गया कि आरोपी नितिन सोनी अपनी पत्नी स्वाति के साथ मउगंज आया था। जिसने अपने साथी मो. हारून, मो. सलीम, मुस्कान रावत, देवेश जयसवाल और गुड्डू गुप्ता के साथ मिलकर किडनैपिंग की योजना बनाई। प्लानिंग के तहत वे 6 माह के बच्चे को किडनैप कर महाराष्ट्र के मुंबई शहर ले गए। जहां नितिन और स्वाती ने बच्चे को अमोल मधुकर,अरवी उर्फ सेजल और प्रदीप कोलम्बे को 8 लाख में बेच दिया। उसी बच्चे को अमोल मधुकर और सेजल ने श्रीकृष्ण संतराम पाटिल को 29 लाख में बेच दिया। अमोल मुंबई के एक जाने-माने अस्पताल में अटेंडेंर का काम करता है, जबकि उसकी पत्नी अर्बी एक शेयर ट्रेडिंग कंपनी के लिए काम करती है। वहीं कृष्ण संत राम पाटिल मध्यप्रदेश के रायगढ़ का रहने वाला है जो महाराष्ट्र में रहता है। वो पेशे से एक शिक्षक है। शादी के कई साल बाद भी उसे कोई संतान नहीं थी तो उसने आरोपियों के साथ मिलकर 29 लाख रुपए में बच्चे का सौदा तय कर डाला।

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शिक्षक को नहीं थी संतान तो शिष्य को सौंपा काम

बच्चे को खरीदने वाले पाटिल ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि 53 साल की उम्र में उसकी कोई संतान नहीं है। सालों से कई वैद्य,हकीम और डॉक्टरों के चक्कर लगाने और इलाज में लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए फैसला किया कि किसी ना किसी को बुढ़ापे का सहारा बनाकर रहूंगा। इसलिए मैंने अपने पढ़ाए हुए शिष्य अमोल मधुकर से संपर्क किया। अमोल मधुकर ने यह बात अपनी पत्नी अर्बी उर्फ सेजल को बताई। दोनों ने बच्चा देने के लिए मुझसे 29 लाख में सौदा तय किया। जिसके बाद पति-पत्नी ने शहर में ही रहने वाले उनके परिचित नितिन, स्वाती और प्रदीप से बच्चे की पेशकश की।

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सीसीटीवी में कैद हुए बाइक सवार अपहरणकर्ता

घटना की सूचना मिलते ही शहर और जिले भर में नाकेबंदी की गई। बच्चे और आरोपियों की तलाश के लिए तत्काल 3 टीमें गठित की गईं। इस दौरान पुलिस ने जब कॉलेज चौराहे पर लगे हुए सीसीटीवी फुटेज चेक किए तो दो आरोपी बाइक से बच्चे को लेकर भागते हुए दिखाई दिए। सीसीटीवी फुटेज से ही पुलिस ने बाइक के नंबर का पता लगाया। 8 मई को बाइक से बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपियों की पहचान पुलिस ने मो. सलीम और अतुल जायसवाल निवासी मऊगंज के रूप में की। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर सलीम को 8 मई की रात मऊगंज के सूनसान जगह से घेराबंदी कर पकड़ा। सलीम ने ही पुलिस की पूछताछ में पूरी घटना का खुलासा किया।

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ऑटो चालक ने खोला राज

रीवा पुलिस को बच्चे का पता लगाने में महाराष्ट्र पुलिस का बेहतर सहयोग मिला। बच्चे को खोजने के लिए महाराष्ट्र पुलिस के खडकपाड़ा थाने के प्रभारी अनिल गायकवाड़ के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों की दो टीमें बनाई गई। सबसे पहले पुलिस ने नितिन सोनी और उसकी पत्नी स्वाती सोनी को गिरफ्तार किया। तो उन्होंने पुलिस को बताया कि वे ऑटो रिक्शा से बच्चे को अमोल मधुकर और सेजल को देने गए थे। जिसके बाद रिक्शा चालक प्रदीप को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की गई। ऑटो चालक आरोपियों को पहले से व्यक्तिगत रूप से जानता था। इसलिए उसने पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दे दी। धीरे-धीरे कड़ी जुड़ती गई और पुलिस मासूम बच्चे तक पहुंच गई।

अपहरण की पहली कोशिश हुई थी नाकाम

आईजी महेंद्र सिंह सिकरवार ने बताया कि आरोपियों ने एक बार पहले भी बच्चे के अपहरण का प्रयास किया था जिसमें वे विफल रहे। शादियों का सीजन होने की वजह से सड़कों पर चहल-पहल ज्यादा थी। पुलिस गश्त पर दिखी तो दोनों अपहरणकर्ता उस दिन लौट गए। मामले में आरोपियों की पूरी गैंग सक्रिय थी। रविवार को ही आरोपियों को रीवा लाया गया है। जिनसे अब उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पूछताछ की जा रही है। संभावना है कि उनके द्वारा इस तरह की और भी घटनाएं की गई होंगी। इसलिए पुलिस कड़ाई से पूछताछ करेगी। रीवा और मऊगंज इलाके में जितने भी बच्चे गायब हुए हैं। उनका भी पता लगाया जा रहा है। मैं टीम को अपनी तरफ से 30 हजार का इनाम भी दे रहा हूं, वहीं बच्चे के मिलने के बाद परिजनों के चेहरे पर मुस्कान नजर आई। साथ ही सभी भावुक भी नजर आए। जिन्होंने बच्चे को सकुशल ढूंढ कर लाने के लिए पुलिस को धन्यवाद भी कहा।

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