प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजधानी भोपाल के नामी संस्थान राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यानी आरजीपीवी (RGPV) में हुए एफडी ( Fixed deposit ) घोटाले से जुड़े मामले में भोपाल, सोहागपुर, पिपरिया और झारखंड के रांची व बोकारो में आरजीपीवी के पूर्व कुलपति सुनील कुमार गुप्ता ( Former Vice Chancellor Sunil Kumar Gupta), पूर्व वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा और पूर्व रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत ( Former Registrar Rakesh Singh Rajput ) के ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान ईडी ने 1.90 करोड़ की चल संपत्ति जब्त की है। वहीं, इस छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में अवैधानिक दस्तावेज और चल-अचल संपत्ति के रिकॉर्ड भी ईडी के हाथ लगे हैं।
झारखंड तक जुड़े मामले के तार
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में 19.48 करोड़ की आर्थिक अनियमितता मामले के तार अब झारखंड तक जुड़ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बताया कि इस मामले में मध्य प्रदेश के अलावा झारखंड में भी छापेमारी की गई है। आपको बता दें कि ईडी ने झारखंड के रांची और बोकारो स्थित आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी कर फिक्स डिपाजिट, म्यूचुअल फंड और ज्वेलरी समेत कई चल संपत्ति जब्त की है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बताया कि ये कार्रवाई प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत के तहत की गई है।
ED के निशाने पर RGPV के अफसर-कर्मचारी
इस मामले में आरजीपीवी के कई और अफसरों और कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से विश्वविद्यालय के खातों से रुपए निकाले जा रहे थे और इसके लिए बैंक अफसरों की मिलीभगत भी सामने आई है। वहीं, जांच में यह भी पता चला है कि विश्वविद्यालय के करीब 20 करोड़ रुपए निजी व्यक्तियों और ट्रस्ट के खातों में डाले गए हैं। फिलहाल केंद्रीय एजेंसी पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
RGPV में करोड़ों रुपए का घपला
सूत्रों के अनुसार, आरजीपीवी में कुल 476 करोड़ रुपए का घपला हुआ है। यह खेल 10 साल से चल रहा था। इसमें विश्वविद्यालय के कई पूर्व अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका सामने आई है। वहीं, इतना बड़ा आंकड़ा सामने आने के बाद ईडी भी हैरान है। आपको बता दें कि तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार गुप्ता, तत्कालीन रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत और तत्कालीन वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा के खिलाफ 3-3 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है और साथ ही उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है। वहीं, FIR दर्ज होने के पूर्व से ही सभी आरोपी फरार हैं।
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