BHOPAL. राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ( RGPV ) के पूर्व कुलपति सुनील कुमार को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। उन्हें भोपाल की गांधी नगर पुलिस ने रायपुर से गिरफ्तार किया था। आपको बताते चलें कि रिटायर फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका भोपाल कोर्ट ने खारिज कर दी है। उनके खिलाफ भोपाल के गांधी नगर थाना पुलिस ने 3 मार्च को यूनिवर्सिटी के अकाउंट में स्टूडेंट्स की फीस से जमा हुए 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने के मामले में FIR दर्ज की थी।
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रजिस्ट्रार और फाइनेंस कंट्रोलर गिरफ्त से बाहर
दो अन्य आरोपी ( रजिस्ट्रार राजपूत और फायनेंस कंट्रोलर ऋषिकेश )की गिरफ्तारी के लिए गांधी नगर थाना की पुलिस लगातार दबिश दे रही हैं। पुलिस के मुताबिक मामले में दलित संघ के सचिव रतन कुमरे और कोषाध्यक्ष अशोक चौरसिया से भी पूछताछ होना है, लेकिन संघ के दोनों ही सदस्य सोहागपुर से गायब हैं।
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अब तक 4 आरोपियों को भेजा जेल
इससे पहले 3 आरोपी आरबीएल बैंक के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर कुमार मयंक, एक्सिस बैंक पिपरिया के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर रामकुमार रघुवंशी और दलित संघ सोहागपुर के सहसचिव सुनील रघुवंशी को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। जबकि 2 की तलाश जारी है।
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क्या है पूरा मामला ?
पुलिस ने तीन मार्च को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसके तीन दिन बाद प्रो. सुनील कुमार गुप्ता ने कुलपति पद से इस्तीफा दिया था। एक महीने बाद उन्हें सस्पेंड किया गया। मामला 19.4 करोड़ रुपये गलत तरीके से निजी खातों में ट्रांसफर करने का है। नौ करोड़ रुपये सोहागपुर के दलित संघ को ट्रांसफर किए गए थे। दो कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया गया था। आरबीएल बैंक के पूर्व कर्मचारी कुमार मयंक को 22 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उसने निजी बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए और RGPV अधिकारियों को झूठे स्टेटमेंट्स उपलब्ध कराए।
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