रोहिंग्या बांग्लादेशी होने के आरोपों से घिरे पप्पू खान के कुनबे के 15 लोगों की घर वापसी

जबलपुर के हिनोतिया गांव में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों का विवाद बढ़ गया है । घर वापसी का मामला अब धर्म परिवर्तन और नागरिकता से जुड़ गया है। हिंदूवादी संगठनों ने 15 लोगों को हिंदू धर्म में शामिल किया।

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Neel Tiwari
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JABALPUR. जबलपुर में रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर शुरू हुआ विवाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। बरेला थाना क्षेत्र के हिनोतिया गांव में आरोपित लोगों की 25 नवंबर को ‘घर वापसी’ का दावा किया गया। यह लोग पहले बांग्लादेशी रोहिंग्या होने के आरोप में मोर्चा का हिस्सा थे। कथित रोहिंग्या मूल के इन लोगों का गोमूत्र से शुद्धिकरण किया गया। इसके बाद उन्हें हिंदू धर्म में शामिल किया गया।

जिन्हें घुसपैठिया कहा था, उन्हें ही करा दी घर वापसी

कुछ दिन पहले जिन लोगों पर घुसपैठिए और फर्जी दस्तावेज बनवाने के आरोप लग रहे थे। मंगलवार को हिंदूवादी संगठनों ने पप्पू खान उर्फ पप्पू बंजारा के कुनबे के 15 लोगों को "हिंदू धर्म ग्रहण" कराया। इस घटनाक्रम ने शहर में सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या धर्म परिवर्तन के बाद नागरिकता की जांच बंद हो जाएगी? क्या प्रशासन अब जांच पूरी करेगा या फर्जी दस्तावेज की जांच जारी रहेगी? प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। हालांकि, कानूनन धर्म परिवर्तन नागरिकता की जांच को नहीं रोकता। इसलिए मामला और संवेदनशील हो गया है।

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अवैध वोटर-आधार कार्ड के आरोप

हिनोतिया भोई क्षेत्र में कई वर्षों से कथित रोहिंग्या और बांग्लादेशी परिवार रह रहे हैं। शिकायत के अनुसार, सरकारी जमीन पर टेंट लगाकर कब्जा किया गया है। आरोप है कि इन लोगों के वोटर आईडी और आधार कार्ड बने हैं। वे सरकारी योजनाओं का लाभ भी ले रहे हैं। इसके अलावा, यह लोग सरकारी कामों की ठेकेदारी भी कर रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने हाल ही में इन घुसपैठियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। 27 नवंबर तक अवैध कब्जे हटाने का अल्टीमेटम प्रशासन को सौंपा था।

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7 साल से रह रहे हैं लोग, जांच जारी

एडिशनल एसपी अंजना तिवारी ने पुष्टि की कि हिनोतिया भोई में लोग 7 वर्षों से सरकारी जमीन पर रह रहे हैं। उनकी जांच विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की शिकायतों पर की जा रही है। तहसीलदार पहले ही कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर चुके हैं।

घर वापसी के दावे के बाद प्रशासन उनकी नागरिकता और दस्तावेजों की जांच करेगा। अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई तय समय पर होगी या नहीं, यह देखना होगा। धार्मिक परिवर्तन का मुद्दा मुख्य फोकस बनकर जांच को प्रभावित कर सकता है।

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कलेक्टर ने कहा चल रही मामले की जांच 

जबलपुर के कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने बताया कि जांच शुरू हुई थी। अब तक रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है। जांच के बाद ही यह पता चलेगा कि नागरिकता दिलाने में कौन संलिप्त था।

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घर वापसी और नागरिकता पर नया विवाद

यह मामला अब अवैध बसाहट और घुसपैठ से बढ़कर हो गया है। धर्म परिवर्तन, नागरिकता और प्रशासनिक जांच का मुद्दा बन गया है। जबलपुर में बढ़ते आरोपों के बीच प्रशासन के अगले कदम पर ध्यान है। ‘घर वापसी’ के बाद कानूनी जांच पर सवाल उठ रहे हैं। यह घटनाक्रम मामले को नई दिशा दे सकता है।

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