कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने ग्वालियर में आयोजित सामाजिक न्याय सम्मेलन में विवादित टिप्पणी की। उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत के माता-पिता पर अभद्र टिप्पणी की। इसके बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई। बरैया ने संविधान निर्माता के रूप में बीएन राव की तस्वीरें बांटे जाने पर आपत्ति जताई और डॉ. अंबेडकर को संविधान का 'पिता' बताया। उन्होंने संघ के नेताओं द्वारा संविधान बदलने की बात पर सवाल उठाए।
डॉ. अंबेडकर को संविधान का 'पिता' बताया
भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि बीएन राव का संविधान की प्रारूप समिति में कोई योगदान नहीं था। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को संविधान का 'पिता' बताते हुए कहा कि एमवी पायली ने भी उन्हें संविधान का 'पिता' माना है। इसके अलावा, केएन राव ने डॉ. अंबेडकर को संविधान की 'मां' की संज्ञा दी थी। बरैया ने संघ के नेताओं द्वारा संविधान बदलने की बात करने पर सवाल उठाए और मोहन भागवत से उनके माता-पिता को बदलने की चुनौती दी।
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संघ प्रमुख पर अभद्र टिप्पणी की आलोचना
बरैया ने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए पूछा, "क्या वह अपने माता-पिता को बदल सकते हैं?" उन्होंने कहा कि संघ के लोग संविधान बदलने की बात करते हैं, लेकिन क्या वे अपने माता-पिता को बदल सकते हैं? यह टिप्पणी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई है, और कई नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
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राजेंद्र पाल गौतम का विवादित बयान
इस कार्यक्रम में कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र पाल गौतम ने भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर साहब की प्रतिमा का विरोध कर रहे हैं, वे भगवान श्री राम के नाम के जयकारे लगाते हैं। यह वे लोग हैं जो भगवान श्री राम के नाम को बदनाम कर रहे हैं। गौतम ने डॉ. अंबेडकर का विरोध करने पर जय श्री राम बोलने वालों की तुलना आतंकवादियों से की है। उन्होंने कहा कि ये लोग समाज में विद्वेष फैलाना चाहते हैं।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और विरोध प्रदर्शन
इन बयानों के बाद, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में भागवत पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। कांग्रेस नेताओं ने इन बयानों को स्वतंत्रता संग्राम और संविधान का अपमान बताया और सार्वजनिक माफी की मांग की। इस मुद्दे ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।
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