सौरभ शर्मा की पत्नी भी बनी आरोपी, नियुक्ति देने वाले अधिकारियों पर भी हो सकती है कार्रवाई

लोकायुक्त ने करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या शर्मा को भी आरोपी बनाया है। दिव्या तीन कंपनियों में डायरेक्टर हैं, जिनमें अविरल एंटरप्राइजेस सबसे अहम है। लोकायुक्त की पूछताछ में वह फंडिंग का स्रोत नहीं बता सकीं।

author-image
Rohit Sahu
एडिट
New Update
saurabh sharma case bhopal
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

भोपाल में लोकायुक्त पुलिस ने करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या शर्मा को भी भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी बनाया है। अब तक इस केस में सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर आरोपी थे, लेकिन अब दिव्या शर्मा चौथी नामजद आरोपी बन गई हैं। हालांकि, लोकायुक्त ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है, बल्कि केवल पूछताछ की है। वे पूछताछ में कई सवालों का जवाब नहीं दे पाईं।

कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं दिव्या शर्मा

दिव्या शर्मा भोपाल के शाहपुरा में निर्माणाधीन जयपुरिया स्कूल और सौरभ की अलग-अलग कंपनियों में डायरेक्टर हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण कंपनी अविरल एंटरप्राइजेस (Aviral Enterprises) है, जिसमें दिव्या डायरेक्टर के रूप में जुड़ी हुई हैं।

लोकायुक्त ने दिव्या से कंपनी में हुए लेन-देन को लेकर सवाल किए। उनसे पूछा गया कि पैसा कहां से आया, लेकिन वह इसका कोई ठोस जवाब नहीं दे पाईं। दिव्या अविरल इंटरप्राइजेस समेत तीन कंपनियों की डायरेक्टर हैं।

saurabh sharma

2016 से 2023 तक खरीदी 40 करोड़ की संपत्ति

लोकायुक्त जांच के मुताबिक, सौरभ शर्मा ने 2016 से 2023 के बीच 40 करोड़ की संपत्ति खरीदी। इसमें से 20 करोड़ की संपत्ति दिव्या शर्मा के नाम पर है। इसके अलावा, लोकायुक्त ने 19 दिसंबर को छापा मारा, जिसमें चांदी की सिल्लियों सहित 9 करोड़ रुपये बरामद हुए। लोकायुक्त ने अविरल एंटरप्राइजेस के फंडिंग सोर्स के बारे में सवाल किए, लेकिन दिव्या इसका जवाब नहीं दे सकीं।

यह भी पढ़ें: सौरभ शर्मा की दुबई में बंगले का पता नहीं लगा पा रहीं जांच एजेंसियां

अनुकंपा नियुक्ति देने वाले परिवहन अफसर घेरे में

लोकायुक्त सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति की भी जांच कर रही है। यदि जांच में किसी अफसर के पद का दुरुपयोग करने का मामला सामने आता है तो वे भी आरोपी बन सकते हैं।सौरभ के पिता सरकारी डॉक्टर थे, लेकिन उसे परिवहन विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी गई, जो नियमों के खिलाफ थी।

परिवार में पहले से सरकारी नौकरी होने पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती, लेकिन सौरभ और उसकी मां उमा शर्मा ने झूठा एफिडेविट दिया। जिसके चलते सौरभ सरकारी नौकरी तक पहुंचा और  वहां भ्रष्टाचार की कहानी रच दी।

यह भी पढ़ें: झूठे एफिडेविट को लेकर सौरभ शर्मा पर होगी FIR, साथी शरद से IT ने किए घंटों सवाल-जवाब

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश शरद जायसवाल सौरभ शर्मा भ्रष्टाचार मामला constable saurabh sharma case Bhopal News सौरभ शर्मा दुबई चेतन सिंह गौर Lokayukta एमपी परिवहन विभाग सौरभ शर्मा केस