पत्रकार कल्पेश याग्निक आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग की आरोपी सलोनी ने फर्जी कागज से ली जमानत, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार

पत्रकार कल्पेश याज्ञनिक की आत्महत्या मामले में आरोपी सलोनी अरोरा फर्जी कागज से जमानत लेने के आरोप में घिर गई हैं। क्राइम ब्रांच ने सलोनी और जमानतदारों पर केस दर्ज किया। आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग से जुड़ा है यह केस 7 साल से चल रहा है।

author-image
Sanjay Gupta
New Update
journalist-kalpesh-yagnik-suicide22

Photograph: (thesootr)

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

INDORE. वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक के आत्महत्या केस में आरोपी सलोनी अरोरा नए केस में घिर गई है। सलोनी अरोरा पर जुलाई 2018 में याग्निक को ब्लैकमेल करने, इसके चलते आत्महत्या करने के मामले में केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसे जमानत मिल गई थी।

यह केस अभी जिला कोर्ट में ट्रायल पर है, लेकिन अब सलोनी फर्जी कागज से जमानत लेने में घिर गई है और इसमें उसके साथ ही जमानतदारों पर भी क्राइम ब्रांच इंदौर ने केस दर्ज किया है। सूत्रों के अनुसार सलोनी मंदसौर नीमच के पास मल्हारगढ़ से गिरफ्तार की गई है और क्राइम ब्रांच की टीम रात को इंदौर लेकर आ रही है।

इनके खिलाफ क्राइम ब्रांच ने दर्ज किया केस

क्राइम ब्रांच इंदौर ने 15 जुलाई की आधी रात को नीरज याग्निक (स्वर्गीय कल्पेश याग्निक के भाई) की शिकायत की जांच कराने के बाद केस दर्ज किया है। इसमें आरोपी सलोनी आरोरा के साथ ही जमानतदार केदार डाबी पिता मनीराम डाबी निवासी सिमरोल और मधु श्रीवास्तव पति राजेश श्रीवास्तव, 13 ए आनंद नगर इंदौर है। इन पर आईपीसी की धारा 115, 120बी, 420, 465, 466, 467, 470, 471 और 474 में केस हुआ है। कुल दस धाराओं में केस दर्ज किया गया है। 

ये खबर भी पढ़ें...

इंदौर में 6.63 लाख फर्जी समग्र ID का खुलासा, कांग्रेस ने लगाए करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप

जानें क्या है पूरा मामला

सलोनी आरोरा ने कल्पेश याग्निक के आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग वाले केस में जमानत के लिए पहले डिंपल पित संजय अरोरा की जमानत पेश कराई, लेकिन बाद में उन्हें बदलते हुए केदार डाबी से जमानत पेश कराई। यह जमानत 3 जनवरी 2024 को पेश हुई और केदार डाबी के शपथपत्र को मधु श्रीवास्तव ने सही बताया, उनकी भी इसमें भूमिक संदिग्ध मानी गई है।

नीरज याग्निक ने केदार डाबी के खिलाफ हाईकोर्ट में चले एक केस और इसमें 2022 में हुए एक आदेश का हवाला दिया और बताया कि केदार डाबी तो पेशेवर तरीके से जमानत देने वाला आदतन अपराधी है और इसके खिलाफ हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की है। फर्जी जमानत देने में इस पर केस भी चल रहे हैं।

सलोनी ने अपनी जमानत के लिए केदार डाबी को बोला और उसने फर्जी ऋण पुस्तिका को पेश करते हुए सलोनी के लिए पांच लाख की जमानत का जमानतदार बना। दोनों ने मिलकर यह षड़यंत्र रचा। डाबी पहले भी कई लोगों की जमानत के लिए ऐसे कागज पेश कर चुका है। नीरज ने अपनी शिकायत में कोर्ट के सभी आदेश व अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। इसकी जांच की गई जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने केस दर्ज किया है।

ये खबर भी पढ़ें...

150 करोड़ की शेयर मार्केट ठगी का पर्दाफाश: महिला आरोपी गिरफ्तार,मास्टरमाइंड है सरकारी शिक्षक

सलोनी पर पहले ही यह केस दर्ज

इस आत्महत्या, ब्लैकमेलिंग केस में सलोनी पर जुलाई 2018 में पहले ही आईपीसी धारा 386, 503, 306, 465, 467, 468, 469, 471, 201, 204, 389, आईटी एक्ट व अन्य धाराओं में केस दर्ज है जो 28वें न्यायाधीश हेमंत रघुवंशी की कोर्ट में चल रहा है। इसी केस में जमानत के लिए सलोनी ने केदार डाबी के साथ मिलकर फर्जी कागज से जमानत हासिल की। 

ये खबर भी पढ़ें...

MP Weather Update : कई नदियां उफनीं, ग्वालियर में 2.3 इंच बारिश, 30 जिलों में अलर्ट

7 साल से चल रहा केस

14 जुलाई 2018 की रात को कल्पेश याग्निक ने दैनिक भास्कर एबी रोड इंदौर की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सामने आया था कि भास्कर में रह चुकी पत्रकार सलोनी अरोरा द्वारा उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। इसके बाद पुलिस ने सलोनी पर गंभीर धाराओं में केस किया और गिरफ्तारी ली थी, बाद में यह जमानत हुई थी।

नीरज याग्निक ने शिकायत में यह भी बताया कि केदार डाबी पर जमानतदार होने के नाते जिम्मेदार थी कि वह सलोनी को सुनवाई में पेश करवाए लेकिन केवल जनवरी 2024 में जमानत के दिन आने के सिवा सलोनी कोर्ट में पेश नहीं हुई। 

ये खबर भी पढ़ें...

MP News: इंदौर में NHAI के 43 करोड़ से बनाए राऊ ब्रिज में 6 महीने में ही हो गए गड्ढे

तीन साल से कोर्ट ही नहीं आई सलोनी- नीरज याग्निक

नीरज याग्निक ने इस मामले में कहा कि सलोनी तीन साल से कोर्ट में पेश नहीं हुई और केवल एक ही बार जनवरी 2024 में वह जमानत लेने के दौरान कोर्ट में आई। यह पूरा कोर्ट के साथ ही फर्जीवाड़ा किया गया है, इसमें सलोनी के साथ ही केदार डाबी और मधु श्रीवास्तव की संलिप्तता साफ दिख रही है।

उद्देश्य यह लग रहा है कि यदि वह केस हारती तो देश छोड़कर कहीं भाग जाती, क्योंकि फर्जी जमानत है उसका क्या बिगड़ना था। यह पीड़ित के साथ ही कोर्ट के साथ पूरा फर्जीवाड़ा है और यह बताता है कि यह अपराधी कितने शातिर है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें 📢🔃 🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

MP News मध्यप्रदेश क्राइम ब्रांच MP इंदौर ब्लैकमेलिंग आत्महत्या कल्पेश याग्निक सलोनी अरोरा