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विजयराघवगढ़ से बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी कंपनियों को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। मामला इन कंपनियों से लगभग 443 करोड़ रुपए की वसूली का है। इस पर एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी सवाल पूछे गए हैं। सीएम मोहन यादव ने इस पूरे मुद्दे का जवाब दिया है।
यह जवाब कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा के सवाल पर सीएम ने दिया है। इसमें जबलपुर जिले में अवैध रेत उत्खनन (Illegal Sand Mining) और राजस्व हानि (Revenue Loss) का मुद्दा उठाया गया था। बता दें कि खनिज विभाग सीएम मोहन के पास है।
चार कंपनियों पर ओवर माइनिंग की पुष्टि
खनिज विभाग ने माना है कि जबलपुर जिले की चार कंपनियों ने स्वीकृत सीमा से अधिक रेत का उत्खनन किया था। जांच कलेक्टर के जरिए बनाए गए दल और रिपोर्ट के आधार पर हुई है।
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कंपनियों के नाम
- आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन ग्राम टिकरिया
- नीलिमा मिनरल्स ग्राम दुबियारा
- नीलिमा मिनरल्स ग्राम अगरिया
- पैसिफिक एक्सपोर्ट ग्राम झिठी
विभाग के अनुसार इन कंपनियों पर कुल 443 करोड़ 4 लाख 86 हजार 890 रुपए की वसूली तय की गई है।
बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी खबर पर एक नजर...
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10 नवंबर 2025 के नोटिस में 15 दिन की समय सीमा
जबलपुर कलेक्टर ने 10 नवंबर 2025 को इन कंपनियों को नोटिस जारी किया था। इसमें कंपनियों को 15 दिनों में वसूली जमा करने के निर्देश दिए गए थे। आदेश में साफ लिखा है कि राशि न देने पर भू–राजस्व अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई होगी। सरकार ने विधानसभा में कहा कि कार्रवाई प्रक्रिया में है और किसी को राहत नहीं दी जाएगी।
विधायक का आरोप: यह 1000 करोड़ का खेल
कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने कहा कि रेत ठेकेदार लंबे समय से बचते आ रहे हैं। इसी वजह से वे ठेकेदार अपनी मनमानी करते हैं। विधायक का मानना है कि जिले में राजस्व घाटा 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पूरे जिले में बड़ा ऑडिट (Audit) होना चाहिए।
कलेक्टर की जांच में क्या मिला
कलेक्टर के आदेशों में इन सभी फर्मों में कई गड़बड़ियां दर्ज की गई हैं।
- स्वीकृत सीमा से कई गुना अधिक रेत उठाई गई।
- रेत परिवहन पर्चियों (Transport Permits) में बड़ा अंतर मिला।
- नजदीकी घाटों से चोरी छुपे रेत निकालकर दूसरे जिलों में भेजने के संकेत मिले।
आदेशों में इसे स्पष्ट रूप से ओवर माइनिंग (Over Mining) कहा गया और नियम 194/2014 तथा कोर्ट आदेश 02/08/2017 के अनुसार आर्थिक दंड तय बताया गया।
अब आगे क्या होगा
खनिज विभाग ने कहा है कि 15 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद यदि वसूली जमा नहीं होती है तो सख्ती होगी। इसमें बैंक खातों की कुर्की, मशीनरी जब्ती और पट्टा निरस्तीकरण (Lease Cancellation) की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी बताया कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां न हों, इसके लिए पूरे मामले की दोबारा जांच भी की जाएगी।
इन कंपनियों में मिली ये गड़बड़ी
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