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मध्यप्रदेश के कटनी जिले के बीजेपी विधायक संजय पाठक से जुड़ी तीन माइनिंग कंपनियों से मुख्यमंत्री ने 443 करोड़ रुपए की वसूली की बात कही है। इन कंपनियों पर अतिरिक्त खनन का आरोप है। इन कंपनियों में आनंद माइनिंग कॉर्पोरेशन, निर्मला मिनरल्स, और पैसिफिक एक्सपोर्ट शामिल हैं। विधायक संजय पाठक ने इस मामले की रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज किया है। जानें उन्होंने इसको लेकर क्या कहा...
रिपोर्ट पर बीजेपी विधायक की प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार, खनिज साधन विभाग ने 23 अप्रैल को एक जांच टीम गठित की थी। इस टीम ने जांच शुरू की और 6 जून को रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट के आधार पर, सीएम ने विधानसभा में इन कंपनियों से 443 करोड़ रुपए की वसूली की बात कही है। हालांकि, संजय पाठक ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह एक अनुमान पर आधारित है, जो गलत है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब सही दस्तावेजों की जांच की जाएगी, तो सब कुछ साफ हो जाएगा।
कांग्रेस ने उठाया सवाल, सीएम ने दिया जवाब
एमपी विधानसभा में कांग्रेस विधायक अभिजीत शाह ने खनन मामले को लेकर सवाल उठाए थे। वहीं इस विवाद पर सीएम मोहन यादव ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जबलपुर के सिहोरा क्षेत्र में इन कंपनियों ने स्वीकृत मात्रा से अधिक खनन किया और इसके बावजूद सरकार को एक हजार करोड़ की राशि का भुगतान नहीं किया। इन कंपनियों से 443 करोड़ रुपए की वसूली की जाएगी।
443 करोड़ की वसूली की बात पर BJP विधायक संजय पाठक का बयान
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125 साल से माइनिंग व्यवसाय में है मेरा परिवार
संजय पाठक ने बताया कि उनका परिवार 125 साल से माइनिंग व्यवसाय में है। उन्होंने कभी भी कर चोरी या अवैध खनन नहीं किया। उनका कहना था कि यह मामला एक ओवर प्रोडक्शन (अतिरिक्त उत्पादन) का है, जिस पर अधिकारियों ने गलत तरीके से आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि अधिकारी सेल (बिक्री) और प्रोडक्शन (उत्पादन) के बीच के गैप पर आधारित रिपोर्ट बना रहे हैं, जो सही नहीं है।
संजय पाठक ने यह भी कहा कि 90 साल पुरानी खदान का सैटेलाइट इमेज से सर्वे करना संभव नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि एकतरफा कार्रवाई न हो, और उनके परिवार की कंपनियों को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।
जानें क्या है 443 करोड़ की वसूली का मुद्दा?
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, आनंद माइनिंग, निर्मला मिनरल्स, और पैसिफिक एक्सपोर्ट कंपनियों ने स्वीकृत खनन मात्रा से ज्यादा खनन किया था। इसके बाद, सीएम ने 443 करोड़ रुपए की वसूली करने की बात कही है। इसके अलावा, जीएसटी की वसूली अलग से किए जाने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
संजय पाठक के परिवार की स्थिति
संजय पाठक ने यह भी बताया कि उनका परिवार 1910 से माइनिंग व्यापार में है, और 1936 से इस क्षेत्र में काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले 2011 में भी इस तरह की शिकायतें आई थीं, लेकिन उस समय भी कोई गलत काम नहीं पाया गया था। उनका कहना है कि यह मामला भी गलत अनुमान के आधार पर खड़ा किया गया है, और जब उनके रिकॉर्ड्स की जांच होगी, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।
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