कांग्रेस के पूर्व विधायक और अब बीजेपी के नेता संजय शुक्ला, दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए, मार्च 2024 में कांग्रेस से तौबा कर बीजेपी में आ गए, लेकिन चुनाव लड़ने के समय किया गया उनका वादा टूट चुका है और अब वह इस वादे को लेकर तो बात भी नहीं करना चाहते हैं। एक और वादा किया था उन्होंने जनता से लेकिन इन दोनों ही बड़े वादों से शुक्ला तौबा कर चुके हैं।
अयोध्या के रामलला दर्शन का तोड़ा वादा
दिसंबर 2021 से संजय शुक्ला ने नगर निगम के महापौर पद के चुनाव के पहले हर वार्ड के लोगों को अयोध्या ले जाकर श्री रामलला के दर्शन कराने का वादा दिया और हर माह वह वार्डवार लोगों को ले जाकर अपने खर्चे पर रामलला के दर्शन कराने लगे। हालांकि, जुलाई 2022 में निगम चुनाव में वह महापौर पद का चुनाव हार गए लेकिन इसके बाद भी नवंबर-दिसंबर 2023 में विधानसभा चुनाव को देखते हुए रामलला की यात्रा जारी रही और इसके बाद तो उन्होंने काशी भी इसमें जोड़ दिया। वह हर यात्रा में क्षेत्र की जनता के साथ ही रेल से यात्रा करते थे और लोगों को साथ ले जाते थे। चुनाव में भी वादा किया वह धर्मकांड जारी रखेंगे और लोगों को अयोध्या दर्शन लेना जारी रखेंगे, जनता की सेवा करते रहेंगे। दिसंबर 2023 में वह चुनाव क्या हारे, उन्होंने यह यात्राएं बंद कर दी और अब वह खुद को अयोध्या वन अन्य जगह घूमते रहते हैं लेकिन एक भी व्यक्ति को यात्रा नहीं कराई।
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जयाकिशोरी की कथा का वादा अधूरा
विधानसभा चुनाव के समय ही वह जयकिशोरी जी की धार्मिक कथा करा रहे थे लेकिन मंजूरी को लेकर हुए विवाद के चलते यह कथा ऐनवक्त पर रोक दी गई। इस दौरान शुक्ला ने जया किशोरी के साथ वीडियो जारी किया और कहा कि अभी यह रोकी जा रही है लेकिन चुनाव के बाद यह बड़ी कथा कराई जाएगी। इस बात को भी एक साल पूरे हो चुके हैं और यह कथा आज तक नहीं हुई। वहीं शुक्ला जो लगातार धार्मिक आयोजन करते थे, वह सभी बंद कर दिए गए हैं। हालांकि वह खुद व्यक्तिगत धार्मिक यात्राओं में परिवार, दोस्तों के साथ घूमते रहते हैं।
क्या बोल रहे हैं संजय शुक्ला?
शुक्ला से द सूत्र ने बात की और पूछा कि अयोध्या यात्रा बंद कर दी है? तो वह बोले हां, अब बंद कर दी है। जब द सूत्र ने उनसे पूछा क्या इसे वापस शुरू करेंगे? तो हंसकर मना करते हुए बोले नहीं-नहीं अब नहीं। यानी साफ है कि यह सब चुनावी प्रपंच था जो अब खत्म हो चुका है।
विजयवर्गीय बोले थे- इसमें हमारी पीएचडी है
विधानसभा चुनाव के समय उनके सामने मैदान में उतरे बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय ने ताल ठोकककर कहा था कि वह (संजय शुक्ला) धार्मिक काम तो अभी करा रहे हैं लेकिन हमारी तो इसमे मास्टरी और पीएचडी है। हमसे बेहतर वह क्या करा सकेंगे।
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