मध्य प्रदेश के सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा की कानूनी परेशानियां बढ़ गई हैं। जबलपुर स्थित विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह मामला 1 लाख 25 हजार रुपए के चेक बाउंस से संबंधित है। इस मामले में विधायक लगातार समन भेजे जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हो रहे थे।
2016 से लंबित मामला
यह मामला 2016 से चल रहा है, जिसमें सिद्धार्थ कुशवाहा ने बार-बार अदालत की पेशी से परहेज किया। अदालत ने कई बार समन भेजे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी पेशी नहीं की, जिसके बाद अब जमानती वारंट जारी किया गया है। इस मामले में पार्टी के पक्षकार शरद गुप्ता के अनुसार, अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
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सतना पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश
अदालत ने सतना पुलिस को आदेश दिया है कि वह वारंट की तामील कराए और विधायक को अगली सुनवाई में अदालत में पेश करे। अगली सुनवाई 3 अप्रैल 2025 को होगी, जिसमें सिद्धार्थ कुशवाहा को अदालत में उपस्थित होना अनिवार्य होगा। यह आदेश इस बात को दर्शाता है कि प्रशासनिक स्तर पर इस मामले को अब गंभीरता से लिया जा रहा है।
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सिद्धार्थ की राजनीतिक छवि पर असर
सिद्धार्थ कुशवाहा, जो सतना विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं, एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। लेकिन यह कानूनी मामला उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। विपक्षी दलों के द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है, जो कांग्रेस पर दबाव बना सकते हैं।
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क्या होगा अगली सुनवाई में?
इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी, और यदि विधायक उस दिन अदालत में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस मुद्दे ने कांग्रेस पार्टी के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर चुनौतियां पैदा कर दी हैं।
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