मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरटीओ सौरभ शर्मा के लिए मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। दरअसल, प्रबंधन विभाग ने एक गंभीर आरोप के तहत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जो फर्जी एफिडेविट के मामले से संबंधित है। इस शिकायत के अनुसार, सौरभ शर्मा ने अपनी नौकरी के लिए फर्जी एफिडेविट का इस्तेमाल किया था। 3 मार्च को विभाग ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी।
Saurabh Sharma ने मांगी थी अनुकंपा नियुक्ति
सौरभ शर्मा के पिता राकेश शर्मा, जो स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे, 2015 में निधन हो गए थे। इसके बाद सौरभ ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। हालांकि, वह इस नियुक्ति के लिए पात्र नहीं थे, इसलिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग में नौकरी नहीं मिली। फिर भी, सौरभ ने किसी तरीके से एक फर्जी एफिडेविट के माध्यम से नौकरी पाने की कोशिश की।
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फर्जी एफिडेविट में नियमों की अनदेखी
सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग में एक अनुकंपा नियुक्ति पत्र प्राप्त किया था, जो नियमों का उल्लंघन करके दिया गया था। नियुक्ति पत्र में यह पता चला कि सौरभ को बिना सही प्रक्रिया अपनाए नौकरी मिल गई थी। इसे लेकर प्रबंधन विभाग ने पुलिस से शिकायत की है। यह मामला फर्जी सर्टिफिकेट के उपयोग से संबंधित है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
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2016 में हुई थी भर्ती
29 अक्टूबर 2016 को सौरभ शर्मा की स्वास्थ्य विभाग के अलावा कहीं और नियुक्ति हुई थी। यह नियुक्ति संदिग्ध मानी जा रही है, क्योंकि यह पत्र स्वास्थ्य विभाग में कभी डिस्पेच नहीं हुआ था। इसके चलते अब यह आशंका जताई जा रही है कि सौरभ ने इस नियुक्ति के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
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इस्तीफा देने के बाद स्थिति और गंभीर
10 जून 2023 को Saurabh Sharma ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के बाद अब इस मामले की जांच और गंभीर हो गई है, क्योंकि फर्जी नियुक्ति के आरोप के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मुद्दे के सामने आने से सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, और आने वाले समय में उनसे जुड़े कई सवाल उठ सकते हैं।
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5 बिंदुओं में समझिए पूरी स्टोरी
✅सौरभ शर्मा, जो मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व आरटीओ हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति पाने के लिए फर्जी एफिडेविट का इस्तेमाल किया।
✅ सौरभ ने 2015 में अपने पिता के निधन के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन वह इस नियुक्ति के लिए पात्र नहीं थे।
✅ सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति पत्र मिला, लेकिन यह नियमों का उल्लंघन करते हुए दिया गया था। इस पर प्रबंधन विभाग ने पुलिस से शिकायत की और मामले की जांच शुरू कर दी।
✅ सौरभ शर्मा की 2016 में एक संदिग्ध नियुक्ति हुई, जो स्वास्थ्य विभाग में कभी डिस्पेच नहीं हुई थी। इससे यह शक पैदा हुआ कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
✅ सौरभ ने 2023 में इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद मामले की जांच और गंभीर हो गई है। सीबीआई जांच की भी मांग की गई।