सौरभ शर्मा के पकड़े जाने से बढ़ गई नेताओं-अफसरों की टेंशन, अब डायरी खोलेगी सारे राज

सौरभ के पकड़े जाने की खबर आते ही इधर नोताओं और अफसरों की टेंशन बढ़ने लगी है। बता दें कि कुछ दिन पहले अधिकारियों को एक डायरी और दस्तावेज मिले थे।

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Sourabh Bhatnagar
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मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा को आखिरकार हिरासत में ले लिया गया है। जानकारी के अनुसार सौरभ सरेंडर करने कोर्ट जा रहा था, तभी कोर्ट के बाहर लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे पकड़ लिया। लोकायुक्त की मामले में सौरभ के पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है। सौरभ के पकड़े जाने की खबर आते ही इधर नोताओं और अफसरों की टेंशन बढ़ने लगी है।

बता दें कि कुछ दिन पहले अधिकारियों को एक डायरी और दस्तावेज मिले थे, जिसमें आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा द्वारा परिवहन विभाग के अफसरों के साथ 100 करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन का खुलासा हुआ था। डायरी में विधायकों, मंत्रियों, और नौकरशाहों के नाम के साथ-साथ उनके कथित ‘दाम’ भी लिखे गए थे।

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डायरी में दर्ज नाम और कोड वर्ड

सूत्रों के अनुसार, डायरी में कोड वर्ड जैसे ‘बी’, ‘यू’, और ‘जी’ का उपयोग किया गया है। इनमें से ‘जी’ और ‘यू’ को वीआईपी श्रेणी में रखा गया है। डायरी में भाजपा के 10 और कांग्रेस के 7 विधायकों के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, 12 अधिकारियों और कुछ बिचौलियों के नाम भी दर्ज हैं।

पारस सकलेचा ने लगाए थे गंभीर आरोप

कांग्रेस के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने सौरभ शर्मा भ्रष्टाचार कांड को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार इस कांड से जुड़े तथ्यों को छिपा रही है, ताकि चेक पोस्टों पर हो रही अवैध वसूली के आंकड़े उजागर न हो सकें। उन्होंने कहा था कि मगरमच्छों को बचाने के लिए सौरभ शर्मा कांड में तथ्यों को छुपाया जा रहा है। 500 से 1000 करोड़ तो ऊंट के मुंह में जीरा के समाने है।

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राजनीतिक विवाद

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने डायरी को सार्वजनिक कर उसकी सत्यता की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इसे 2000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का प्रमाण बताया। दूसरी ओर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया है।

सोना, नकदी और घोटाले का कनेक्शन

19 दिसंबर को बिल्डरों और परिवहन विभाग के कर्मचारियों के ठिकानों पर छापेमारी में 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकद बरामद हुए। इन बरामदगी को डायरी में दर्ज भ्रष्टाचार के विवरण से जोड़कर देखा जा रहा है।

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