देश भर में बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में जारी की गई गाइडलाइन को लेकर पहला आदेश इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ का जारी हुआ है। इस आदेश के तहत इंदौर नगर निगम द्वारा 7 ट्रिलियन कैफे पर होने वाली बुलडोजर कार्रवाई पर स्टे हो गया है।
कोर्ट में क्या हुआ?
शनिवार को छुट्टी के दिन अर्जेंसी को देखते हुए शुक्रवार रात को इस केस के लिए स्पेशल बेंच, जस्टिस प्रणय वर्मा की गठित हुई। इस सिंगल केस की सुनवाई हुई क्योंकि निगम बायपास स्थित 7 ट्रिलियन कैफे पर शनिवार को ही कार्रवाई करने जा रहा था। इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुजीत गवड़े की ओर से अधिवक्ता विभोर खंडेलवाल और जयेश गुरनानी ने पैरवी की। अधिवक्ता ने साफ कहा कि निगम की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की बुलडोजर कार्रवाई के लिए जारी गाइडलाइन का साफ उल्लंघन है।
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यह तर्क रखे गए कार्रवाई के खिलाफ
अधिवक्ता खंडेलवाल और गुरनानी ने तर्क रखे कि कार्रवाई को लेकर 15 दिन का नोटिस, संबंधित को सुनने और स्पीकिंग आर्डर पास करने संबंधी निर्देश है। हालांकि, निगम ने इसमें से किसी का पालन नहीं किया। कंपाउंडिंग का भी आवेदन निगम के पास लंबित है, जिस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। निगम की ओर से अधिवक्ता लक्की जैन ने तर्क रखा और कहा कि यह निर्माण बिना मंजूरी के हुआ है। वहीं सभी पक्षों को सुनने के बाद फिलहाल कार्रवाई पर स्टे कर दिया गया है और अगली सुनवाई मंगलवार को रखते हुए पक्षकारों से जवाब मांगा गया है।
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सात दिन पहले गई थी टीम कार्रवाई करने
सप्ताह भर पहले निगम की टीम बायपास स्थित 7 ट्रिलियन कैफे पर अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए पहुंची थी। लोकायुक्त में हुई शिकायत के बाद निगम को अवैध निर्माण हटाने का निर्देश मिला था, जिसके चलते यह कार्रवाई की जा रही थी। भारी दबाव और प्रभाव के कारण निगम की इस कार्रवाई को बीच में रोक दिया गया। खानापूर्ति के लिए निगम की टीम ने कैफे के मालिक से सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से अवैध निर्माण हटाने का शपथ पत्र भरवाया है लेकिन अब समयसीमा खत्म होने से पहले ही संबंधित को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया।
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