स्कूल एसोसिएशन ने सफाई देने बुलाई प्रेस वार्ता, दांव पड़ा उल्टा

निजी स्कूलों के खिलाफ की गई कार्यवाही के विरोध में अपना पक्ष रखने स्कूल एसोसिएशन ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया पर अवैध फीस वसूली सहित अन्य मुद्दों को छोड़कर सिर्फ आईएसबीएन के मुद्दे पर बात की।

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Ravi Singh
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JABALPUR : अवैध फीस वसूली सहित अन्य अनियमिताओं में लिफ्ट शिक्षा माफिया के 11 स्कूलों के खिलाफ कार्यवाही और  कुल 51 आरोपियों के खिलाफ FIR के बाद से ही शिक्षा के व्यापार से जुड़े स्कूल सहित संगठन भी इस कार्यवाही को गलत बताने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में इंडियन अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन ( Indian Aided School Association ) ने आज 15 जून जबलपुर में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस संगठन के अध्यक्ष के तौर पर विवेक त्रिपाठी ने पत्रकारों से चर्चा की आपको बता दें कि विवेक त्रिपाठी पहले जबलपुर जिले में ही तहसीलदार पदस्थ रहे हैं, और अब शहर में इनके कई आलीशान रिसॉर्ट संचालित हो रहे हैं। साथ ही कुछ फाइव स्टार स्कूलों में भी इनका निवेश है।

फर्जी आईएसबीएन है लाल बुझक्कड़ की सोच

संगठन के द्वारा यह आरोप लगाया गया, कि फर्जी आईएसबीएन को लेकर जो चर्चाओं की हवा बनाई गई है। वह एकदम गलत है, राजा राममोहन राय आईएसबीएन कोई वैधानिक संस्था नहीं है। इसमें रजिस्टर न होने से केवल कोई पुस्तक फर्जी नहीं हो जाती, इसलिए फर्जी आईएसबीएन को बिना जाने इस पर की गई कार्यवाही किसी लाल बुझक्कड़ की सोच है।

आईएसबीएन के बाद बोलती हुई बंद

पत्रकार वार्ता में पत्रकारों ने जब सवाल पूछना शुरू किया तो इस संगठन के वक्ता सहित सदस्यों की भी बोलती बंद हो गई। संगठन के अध्यक्ष घूम फिर के दोबारा आईएसबीएन पर बात करने लगे। पत्रकारों ने लगातार हो रही। अवैध फीस वसूली अभिभावकों के लिए बनाए गए आई कार्ड, बस के लिए बन रहे आई कार्ड, एक्स्ट्रा एक्टिविटी के नाम पर हो रही। वसूली सहित 20 से 30 किताबों का अतिरिक्त बोझ अभिभावकों पर डालने के लिए जब सवाल किया तो वक्ताओं के पास इन सवालों के जवाब ही नहीं थे।

पत्रकारों ने पूछा कि आखिर अब तक यह संगठन सामने क्यों नहीं आया। जब अभिभावकों से खुलेआम लूट की जा रही थी। स्कूलों के द्वारा मनमानी करते हुए अपनी कोई भी जानकारी शासन के पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही थी। तब इस संगठन ने क्या कदम उठाए थे। अब इस कार्यवाही का मीडिया में हो रहे महिमा मंडन को मौलिकता के आधार पर गलत बताने वाले, अब तक अभिभावकों से लूटी गई करोड़ों रुपए की राशि को क्या सही मानते हैं।

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इन प्रश्नों पर भी संगठन  के वक्ता मौन ही रहे, एक पत्रकार ने तो इन्हें यह तक चेलेन्ज दिया कि यह लोग लाइव आए और लाइव आकर जनता को स्पष्टीकरण दें। आखिरकार इस प्रेस वार्ता का यही निष्कर्ष निकाला कि यह सिर्फ इस कार्यवाही के बारे में अखबारों और मीडिया में चल रही खबरों का रुख मोड़ना चाहते हैं। ऐसे संगठनों के पास आईएसबीएन नंबर पर उंगली उठाने के अलावा ऐसे कोई तथ्य नहीं है जिससे शिक्षा माफियाओं का बचाव हो सके।

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ravi kushwah

Jabalpur इंडियन अनऐडेड स्कूल एसोसिएशन Indian Aided School Association अवैध फीस वसूली