मध्य प्रदेश के 87 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द: कई खामिया आईं सामने

मध्य प्रदेश के धार जिले में दस्तावेजों और अपार ID अपडेट की खामियों के कारण 87 स्कूलों की मान्यता रद्द, अब इन स्कूलों को कलेक्टर से से अपील करनी होगी।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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87 scchools recognition cancelled

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MP News: मध्य प्रदेश के धार जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर लापरवाही के चलते  87 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गयी है। मान्यता के लिए आवश्यक दस्तावेजों की कमी, भवन और खेल मैदान जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव, प्रशिक्षित शिक्षकों की अनुपलब्धता और अपार ID डेटा के चलते यह कदम उठाया गया है। 671 निजी स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था। ब्लॉक रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) स्तर पर 31 मार्च तक स्कूलों का निरीक्षण हुआ, जहां खामियों के आधार पर डीपीसी को रिपोर्ट भेजी गई। डीपीसी स्तर पर पुनः जांच के बाद 87 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई। बाकी 584 स्कूलों को मान्यता मिल गई है। जिनकी मान्यता रद्द कर दी गई है वो स्कूल कलेक्टर के पास अपील कर सकते हैं।

अपार ID अपडेट में बाधाएं

शिक्षा मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना के तहत छात्रों की संपूर्ण जानकारी के लिए 12 अंकों की Apaar ID (Unique Student ID) बनाई जा रही है, परंतु आधार कार्ड अपडेट में समस्याएं आ रही हैं। इसलिए अपार आईडी भी नहीं बन पा रहे हैं। आधार में स्कूल और आधार में नाम/जन्मतिथि का अंतर आ रहा है।आधार केंद्रों के संख्या सीमित होने के कारण अपडेट प्रक्रिया धीमी है। अब तक 327,421 में से केवल 206,734 ID ही बन पाई हैं। पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के कारण भी काम होने में समय लग रहा है। कई बच्चों के आईडी रिजेक्ट हो रहे हैं। अब शिक्षक इस काम में मदद करेंगे, जिससे इस काम को जल्दी निपटाया जा सके।

मान्यता रद्द के प्रमुख कारण

  • स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होना 
  • अग्निशमन उपकरण का अभाव
  • खेल सामग्री या मैदान नहीं
  • लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं
  • आरटीई एक्ट का पालन नहीं होना
  • रजिस्टर्ड किरायानामा नहीं होना

    ऐसे मिलती है मान्यता

    ऑनलाइन आवेदन करने के लिए स्कूलों को पोर्टल लॉक करना होता है। इसके बाद बीआरसी स्तर पर स्कूल का निरीक्षण होता है। बीएआरसी की रिपोर्ट के बाद डीपीसी वैरिफिकेशन करता है। मापदंड पूरे होने पर  स्कूल को मान्यता मिल जाती है।इस बारे में अपील का अंतिम मौका कलेक्टर के पास है। स्कूलों को मान्यता के मापदंड पूरे करने के लिए कई बार समय दिया जा चुका है। इसके बाद भी जो स्कूल इन मानपदण्डों पर खड़े नहीं उतरे उनकी मान्यता रद्द करने का फैसला लिया गया है। 
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