सेकंड डिवीजन या 50%, सहित 5% आयुसीमा छूट पर जबलपुर हाईकोर्ट ने फैसला किया सुरक्षित

जबलपुर हाईकोर्ट में उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 में हुई कम प्राप्तांकों के बाद भी डिवीजन के आधार पर की गई नियुक्तियों को चुनौती दिए जाने के लिए याचिका दायर की गई है।

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Neel Tiwari
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हाईस्कूल शिक्षक भर्ती मामले से जुड़ी एक अन्य याचिका में हाईकोर्ट द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया है। दरअसल सेकंड डिवीजन या 50% के नियम पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश जारी नहीं किया है, इससे अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है। क्योंकि चीफ जस्टिस की डिविजनल बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अब आदेश सुरक्षित रख लिया है।

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परसेंटेज-डिवीजन के आधार पर नियुक्तियों को दी गई चुनौती

जबलपुर हाईकोर्ट में उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 में हुई कम प्राप्तांकों के बाद भी डिवीजन के आधार पर की गई नियुक्तियों को चुनौती दिए जाने के लिए याचिका दायर की गई है। जिसमें याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि 47, 48 और 49 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद भी मार्कशीट में तृतीय श्रेणी लिखा गया है। लेकिन कुछ अभ्यर्थियों को 45 और 46 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद मार्कशीट में द्वितीय श्रेणी लिखा गया है। उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन प्रक्रिया में मार्कशीट में मौजूद डिवीजन के आधार पर अधिक प्राप्तांक होने के बाद भी नियुक्तियां नहीं मिली है। जबकि कम प्राप्तांक पाने वाले अभ्यर्थियों की मार्कशीट में मौजूद द्वितीय श्रेणी की वजह से नियुक्तियां मिल गई है। इसके बाद कोर्ट ने याचिका में मौजूद तर्कों और शिकायतों के आधार पर शासन को जवाब दाखिल किए जाने के लिए निर्देश दिया था।

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शासन की ओर से दाखिल किया गया जवाब

इस याचिका में 11 फरवरी 2025 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने शासन को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। जिस पर शासन ने कोर्ट में जवाब पेश किया। सरकार ने बताया उच्च माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2023 के आधार पर कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भविष्य में होने वाली उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता एवं चयन परीक्षा के लिए परीक्षा के पूर्व भर्ती नियम 2018 में उच्च माध्यमिक शिक्षक की वंचित शैक्षणिक योग्यता में निम्न अनुसार संशोधन पर विचार किया जा सकता है। संबंधित विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नाकोत्तर उपाधि एवं बीएड या उसके समकक्ष डिग्री ,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांग या निशक्तजनों को प्राप्तांको में 5 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। उपरोक्त अनुशंसा को समुचित स्तर पर निर्णय लिए जाने हेतु प्रेषित किया गया है।

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अनुच्छेद 14 के तहत बताया असंगत

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने कोर्ट में बताया कि उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा 2021 में हुई नियुक्तियों को तर्कसंगत बनाते हुए याचिका को दायर किया गया है जिसमें उन्होंने बताया कि नियुक्ति के लिए कम योग्य अभ्यर्थी जिन्हें 45.1 प्रतिशत मिले हैं और उनकी मार्कशीट में सेकंड डिवीजन लिखा है। उनकी नियुक्तियां की गई है लेकिन याचिकाकर्ताओं को 47,48 ओर 49 प्रतिशत मिलने के बाद भी इनकी मार्कशीट में थर्ड डिवीजन लिखा है जिसकी वजह से उनकी नियुक्तियां नहीं हो पाई है। उन्होंने इसे अनुच्छेद 14 के तहत असंगत बताया है। जिसके लिए उन्होंने सरकार से नियमों में बदलाव किए जाने के लिए कोर्ट में अपना पक्ष रखा है।

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भर्ती प्रक्रिया हो चुकी है पूरी

शासन की ओर से अधिवक्ता ने विरोध करते हुए बताया कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के दौरान आवेदन में कुछ अभ्यर्थियों ने यह गलत जानकारी दी कि वह सेकंड डिवीजन से पास है जबकि उनकी मार्कशीट में थर्ड डिवीजन अंकित था वहीं कुछ अभ्यर्थियों ने आवेदन में यह बताया कि वह थर्ड डिवीजन से पास है लेकिन नियम के अनुसार उनकी नियुक्ति नहीं हो सकी। इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट को बताया कि इस भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और शिक्षकों को नियुक्तियां भी मिल चुकी हैं, तो ऐसे में यदि कोर्ट के द्वारा कोई फैसला दिया जाता है तो या उन अभ्यार्थियों के साथ अन्याय होगा जो अपना रिप्रेजेंटेशन कोर्ट में पेश नहीं कर पाए हैं।

सिर्फ 'द सूत्र' ने स्पष्ट की थी स्थिति

आपको बता दें कि हाईस्कूल शिक्षक भर्ती से जुड़े एक अन्य मामले में 6 फरवरी को जो आदेश आया था, उसके बारे में यह बताया गया कि अब कोर्ट ने डिवीजन का क्राइटेरिया फिक्स कर दिया है। लेकिन 'द सूत्र' ने यह स्थिति स्पष्ट की थी कि डिवीजन के क्राइटेरिया पर कोर्ट का कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। आज बुधवार को जब इस मामले की सुनवाई हुई तो शासकीय अधिवक्ता के द्वारा इसी आदेश का हवाला कोर्ट के सामने दिया गया। हालांकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने इस तर्क को सिरे से नकारते हुए कोर्ट को बताया कि इस आदेश का जिक्र यहां पर रेलेवेंट नहीं है।

कोर्ट ने फैसले को रखा सुरक्षित

इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच में हुई जिसमें दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट के द्वारा इस याचिका संबंधित फैसले को सुरक्षित रख लिया गया है। गौरतलब है बीते दिनों हाईस्कूल शिक्षक भर्ती से जुड़ी याचिका पर पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा डिवीजन संबंधी प्रावधानों पर पहले से नियम होने की बात कह कर इसे अल्ट्रा वायरस कह दिया गया था साथ ही प्राप्तांको में 5 प्रतिशत छूट दिए जाने के संबंध में शासन को जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।

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