बिना तलाक दूसरी शादी पड़ी महंगी, हाईकोर्ट से 6 माह की सजा, दो हजार रुपए का जुर्माना

विष्णु सिंह को 2019 में विदिशा की पारिवारिक अदालत से पत्नी से तलाक मिला था। हालांकि, 2020 में पत्नी ने हाईकोर्ट में उस फैसले को चुनौती दी और अधिवक्ता सर्वेश शर्मा के माध्यम से 25 फरवरी को स्टे की मांग की।

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Sandeep Kumar
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MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने पर अवमानना का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने 6 महीने की सजा और 2000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी विष्णु सिंह को एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई है ताकि वह अपीलीय अदालत में जाकर राहत प्राप्त कर सके।

तलाक पर रोक के बावजूद रचाई शादी

बताया जा रहा है कि विष्णु सिंह को 2019 में विदिशा की पारिवारिक अदालत से पत्नी से तलाक मिला था। हालांकि, 2020 में पत्नी ने हाईकोर्ट में उस फैसले को चुनौती दी और अधिवक्ता सर्वेश शर्मा के माध्यम से 25 फरवरी को स्टे की मांग की। हाईकोर्ट ने तलाक पर रोक लगा दी, जिससे विष्णु कानूनी रूप से दूसरी शादी नहीं कर सकता था। बावजूद इसके उसने दूसरी शादी कर ली।

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शादी समारोह में पहुंची पहली पत्नी

जब विष्णु ने स्टे के बावजूद 2021 में दोबारा विवाह रचाया, तो विवाह समारोह के दौरान पहली पत्नी पुलिस लेकर वहां पहुंच गई और विवाह को रुकवा दिया गया। बावजूद इसके, 12 जुलाई 2021 को विष्णु ने फिर से विवाह किया। पत्नी ने फोटोग्राफ के साथ सबूत हाईकोर्ट में पेश किए। इससे नाराज कोर्ट ने उसे कोर्ट की अवमानना का दोषी माना और अलग से आपराधिक अवमानना का प्रकरण दर्ज किया गया।

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सजा से बचने का मिला मौका

कोर्ट ने विष्णु को एक विकल्प दिया कि वह अपनी बेटी के नाम 5 लाख रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट करवा दे, तो सजा नहीं दी जाएगी। विष्णु ने यह कहकर इनकार कर दिया कि वह कोई राशि नहीं दे सकता। कोर्ट ने इसे गंभीर मानते हुए कहा कि आरोपी ने कोर्ट के आदेश की खुली अवहेलना की है और यह न्याय की गरिमा के खिलाफ है।

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कोर्ट ने दिखाया सख्त रवैया

हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कर दिया कि कोर्ट के आदेशों की अनदेखी किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि पत्नी चाहे तो आईपीसी की धारा 494 के तहत (एक ही समय में दो विवाह करना अपराध है) अलग से आपराधिक कार्रवाई कर सकती है। इससे साफ है कि न्यायपालिका आदेश की अवमानना पर अब सख्त रवैया अपनाए हुए है।

 



 

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