मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की ग्राम पंचायत बिनैकी कलां के ग्रामीणों ने अपने गांव को नशामुक्त बनाने की एक महत्वपूर्ण पहल की है। हाल ही में आयोजित चौपाल में यह निर्णय लिया गया कि जो लोग गांव में शराब का सेवन करेंगे या उसका कारोबार करेंगे, उन्हें पंचायत की योजनाओं और सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा, ऐसे व्यक्तियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए एक समिति का गठन भी किया गया है, जो नशामुक्ति अभियान को सुचारू रूप से लागू करेगी।
क्यों उठाया गया यह कदम?
गांव की करीब 1200 की आबादी में शराब की लत से प्रभावित परिवारों की स्थिति को देखकर यह कदम उठाया गया है। स्थानीय महिलाओं ने दो दिन पहले सरपंच के घर के सामने अवैध शराब बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन किया था। महिलाओं का आरोप था कि गांव में ठेकेदार रात के समय अवैध रूप से शराब लाता है और इसे महिलाओं के माध्यम से बेचा जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि शराब के सेवन से कई लोगों की मौतें भी हुई हैं, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है।
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जानकारी देने पर मिलेगा पुरस्कार
गांव के सरपंच संतोष बैगा ने कहा कि चौपाल में नशामुक्ति के लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग नशे की लत में लिप्त हैं, उन्हें पंचायत द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। सरपंच ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस पहल में सहयोग करें और किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी देने पर उन्हें सम्मानित किया जाएगा।
अन्य गांवों के लिए भी बनेगा प्रेरणास्रोत
यह कदम न केवल गांव के सामाजिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रामीण समुदाय में एकजुटता और जागरूकता को भी बढ़ावा देगा। नशामुक्ति अभियान का उद्देश्य न सिर्फ शराब के सेवन को रोकना है, बल्कि गांव में खुशहाल और स्वस्थ जीवन का माहौल बनाना भी है। ग्रामीणों का यह प्रयास एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है।
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