शहडोल के स्कूल के दूसरे बिल में और भी कमाल, 20 लीटर पेंट और पुताई का खर्च 2 लाख 31 हजार

शहडोल के सरकारी स्कूलों में रंगाई के नाम पर 443 मजदूर और लाखों खर्च सोशल मीडिया पर चर्चा की विषय बना हुआ है। पहले एक बिल सामने आया था अब इस सरकारी रंगाई पुताई का दूसरा बिल भी सामने आ गया है।

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Rohit Sahu
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Photograph: (The Sootr)

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मध्य प्रदेश का शहडोल इन दिनों चर्चा में है। चर्चा की वजह यहां के 2 सरकारी स्कूलों में रंगाई-पुताई और इस काम को करने वाले मजदूरों की संख्या है। मामले ने तूल तब पकड़ा, जब सोशल मीडिया पर एक बिल वायरल हुआ। बिल के वायरल होते ही अफसरों में हरकत शुरू हुई और मामले में स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया। अब इस घोटाले का दूसरा बिल भी सामने आ गया है।

सकंदी स्कूल में 4 लीटर पेंट के लिए 168 मजदूर लगे

सकंदी हाई स्कूल में 784 रुपए के 4 लीटर ऑयल पेंट पर 168 मजदूर और 65 मिस्त्री लगाए गए। इस कार्य के लिए 1 लाख 6,984 का भुगतान किया गया। यह आंकड़े खुद स्कूल से जारी बिल से सामने आए हैं, जिस पर प्राचार्य और DEO के हस्ताक्षर मौजूद हैं।

निपानिया स्कूल का दूसरा बिल

दूसरा मामला निपानिया के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का है। यहां 20 लीटर पेंट खरीदा गया, जिसकी पुताई में 275 मजदूर और 150 मिस्त्री कार्यरत दिखाए गए। उन्हें 2 लाख 31 हजार 650 का भुगतान किया गया। रंगाई के इस काम में दरवाजे और खिड़कियों की पेंटिंग भी शामिल थे।

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जांच शुरू प्रिंसिपल सस्पेंड

शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव व आयुक्त लोक शिक्षण को तत्काल जांच के निर्देश दिए गए थे। प्राथमिक जांच में प्राचार्य दोषी पाए गए, इसलिए सस्पेंड कर दिया गया। 

एक ही ठेकेदार, एक ही दिन बनाए बिल, दोनों पर सरकारी मुहर

इन दोनों स्कूलों के मरम्मत कार्य का ठेका सुधाकर कंस्ट्रक्शन नामक ठेकेदार को दिया गया। दिलचस्प बात ये है कि दोनों स्कूलों के बिल 5 मई को ही बनाए गए हैं, और दोनों पर स्कूल प्रिंसिपल और DEO के साइन के साथ सरकारी सील भी लगी हुई है। इस पूरे प्रकरण के केंद्र में सुधाकर कंस्ट्रक्शन भी है जिसने यह दोनों बिल जारी किए हैं।

बंद मिले ठेकेदार के दोनों नंबर

इस मामले में द सूत्र की टीम ने सुधाकर कंस्ट्रक्शन के कर्ताधर्ता सुधाकर तिवारी से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनके दोनों नंबर पर संपर्क नहीं हो सका।

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DEO ने दी सफाई

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए DEO फूल सिंह मारपाची ने कहा कि हमने जांच शुरू करवा दी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि बिलों पर आपके हस्ताक्षर क्यों हैं, तो उन्होंने कहा कि जो बिल वायरल हुए हैं वो अधूरे हैं। बिलों का दूसरा हिस्सा मेरे पास है, जांच के कारण पूरा बिल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। 

 

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