BHOPAL. श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से निकल कल चीतों की शहर में चहलकदमी करने पर सियासत भी शुरू हो गई है। चीतों के श्योपुर शहर में विचरण से जहां लोग दहशत में हैं वहीं इसको लेकर सरकार और विपक्ष के नेताओं अजीबो गरीब बयान सामने आ रहे हैं। एक तरफ जहां सरकार ने चीतों के रहवास और सुरक्षा के बारे में अधिकारियों से चर्चा की, वहीं दूसरी ओर विपक्षी नेता किसानों की चिंताओं को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल, श्योपुर जिला प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ने कूनो नेशनल पार्क के क्षेत्रफल में विस्तार पर मंथन की बात कही है। वहीं कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने किसानों को लेकर चिंता जताई है।
श्योपुर शहर में चीतों का विचरण
दरअसल, बीते कुछ दिनों में श्योपुर शहर की सड़कों पर कूनो नेशनल पार्क से भटक कर आए चीते को दौड़ते हुए देखा गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। चीता 'अग्नि' शहर की सड़कों पर चहलकदमी करते देखा गया था। जिससे लोग दहशत में है। दूसरा चीता वायू भी शहर पहुंचा था। कूनो के जंगल में सिर्फ दो चीतों को छोड़ा गया था, लेकिन ये दोनों चीते शहर के इलाके में पहुंच गए थे। इस घटना से सवाल उठाता है कि अगर कूनो के बड़े बाड़े में मौजूद सभी चीतों को जंगल में छोड़ दिया जाता है, तो स्थिति कितनी विकट हो सकती है?
चीता 'अग्नि' की श्योपुर में एंट्री, रोड पर चहलकदमी करते वीडियो वायरल
कूनो के विस्तार पर करेंगे मंथन
अब इस घटना को लेकर श्योपुर जिले के प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों से बैठक की। मंत्री शुक्ला ने वन विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर चीतों के रहवास और सुरक्षा को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि एक वयस्क चीता प्रतिदिन लगभग 60 किलोमीटर दौड़ता है, और ऐसे में चीतों की देखरेख की जा रही है। इसके साथ ही, उन्होंने कूनो के क्षेत्रफल को बढ़ाने की बात भी की और कहा कि जल्द ही इस पर एक बैठक होगी।
कांग्रेस विधायक सिकरवार ने जताई चिंता
इधर, कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने इस मुद्दे पर चिंता जताई। विधायक सिकरवार ने प्रभारी मंत्री राकेश शुक्ला का बयान सामने आने के बाद कहा कि चीतों की दहशत के कारण श्योपुर और मुरैना जिले के किसान खेतों में काम करने से डर रहे हैं। उनका कहना था कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी लोग अपने घरों से पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि चीते शहरों में घूम रहे हैं और वे लोगों को भी अपना शिकार बना सकते हैं।
जंगल में चीतों को छोड़ने की प्रक्रिया में ब्रेक
अब तक कूनो में केवल दो चीते खुले जंगल में छोड़े गए थे, लेकिन वे श्योपुर शहर में पहुंच गए हैं। इन घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन और वन्य प्राणी विशेषज्ञों ने अगले फैसले पर ब्रेक लगा दिया है। विशेषज्ञों की सलाह के बाद यह निर्णय लिया गया है कि फिलहाल बड़े बाड़े में बंद सभी चीतों को जंगल में छोड़ने का निर्णय टाल दिया गया है। वन विभाग इस मामले पर गहराई से विचार कर रहा है ताकि इस कदम के परिणामस्वरूप स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती
श्योपुर में चीतों के खुले जंगल में विचरण से सामने आई स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। जबकि सरकार इस मामले में सुरक्षा और नियंत्रण के उपायों पर काम कर रही है, वहीं विपक्षी नेताओं की ओर से किसानों की चिंता और सुरक्षा की बात की जा रही है।
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