Kota Kidnapping Case: खुद के अपहरण की साजिश करने वाली छात्रा की लोकेशन इंदौर के आसपास, इंदौर के होस्टल में ही रूकी थी

Kota Kidnapping Case: काव्या के पिता का कहना है अभी बेटी का पता नहीं चला है। पुलिस जो कहानी बता रही है, तब तक यकीन नहीं कर सकते, जब तक बेटी नहीं मिल जाए। 

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Pratibha ranaa
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Kota Kidnapping Case

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संजय गुप्ता, INDORE. राजस्थान के कोटा से गायब शिवपुरी की छात्रा काव्या ( Kota Kidnapping Case ) के अपहरण की झूठी कहानी का पर्दापाश होने के बाद सामने आया है कि उसकी अंतिम लोकेशन इंदौर में थी। घटना के बाद से ही क्राइम ब्रांच और राजस्थान पुलिस इंदौर में भी सक्रिय है। दोनों टीमें छात्रा और उसके साथी को खोज रही हैं। इस बीच छात्रा के पिता भी इंदौर पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि बेटी के मिलने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा (kavya kidnapping case )।

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छात्रा के साथ गायब दोस्त का मोबाइल मिला

इधर, क्राइम ब्रांच की टीम छात्रा काव्या के साथी हर्षित की तलाश में उसके दोस्त के रूम पर भी पहुंची। क्राइम ब्रांच को हर्षित का मोबाइल उसके दोस्त के रूम पर ही पड़ा मिला। बताया जा रहा है कि छात्रा ने जयपुर से नई सिम ली थी, जो बुधवार तक चालू थी। सिम की लोकेशन ट्रेस कर पुलिस उसे ढूंढ रही थी, लेकिन अब उसने मोबाइल बंद कर लिया है।

पुलिस दो को अपने साथ ले गई

एडीशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के मुताबिक काव्या और हर्षित को लेकर अभी भी इंदौर में क्राइम ब्रांच की टीमें सर्चिंग कर रही हैं। गजेंद्र उर्फ ब्रजेश और अमन को राजस्थान पुलिस अपने साथ ले गई है। जबकि हर्षित का मोबाइल गजेंद्र के कमरे पर ही मिला, जिसे क्राइम ब्रांच ने जब्त कर लिया। गजेंद्र की लोकेशन क्राइम ब्रांच को उसके रूम पर ही मिली। दूसरे साथी अमन ने पूछताछ में बताया कि वह काव्या और हर्षित को छोड़ने मेन रोड तक आए था। इसके बाद वह कहां गए उन्हें नहीं पता।

बेटी मिलने के बाद ही मैं कुछ कह पाऊंगा-पिता

इंदौर पहुंचे काव्या के पिता का कहना है अभी बेटी का पता नहीं चला है। पुलिस जो कहानी बता रही है, तब तक यकीन नहीं कर सकते, जब तक बेटी नहीं मिल जाए। अब हम भी इंदौर में उसे खोजने आए हैं। पुलिस अपहरण फर्जी बता रही है। हो सकता है बेटी की गलती न हो। उसके मिलने के बाद ही पुलिस को सच्चाई सामने लाना चाहिए थी।

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परीक्षा देने का बोल लिया था इस होस्टल में कमरा

काव्या के बारे में पता चला है कि मंगलवार को दीक्षा गर्ल्स होस्टल में शाम 4 बजे पहुंची थी। वार्डन सिया को कहा था कि परीक्षा देने के लिए दो दिन के लिए कमरा किराए पर चाहिए। फिर शाम 7 बजे रूम में आई और रात 11.30 बजे वापस चली गई थी।

असलियत बताने के लिए युवक खुद पहुंचा था थाने

अपहरण की असलियत बताने के लिए हर्षित के दोस्त बृजेंद्र व साथी अमन खुद भंवरकुआं थाने पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक एक युवक अंदर आया और बोला कि काव्या ने फर्जी अपहरण कराया है। सुबह अखबारों में काव्या का फोटो देख मकान मालिक ने कहा था कि इसकी सच्चाई खुद थाने पर बताकर आओ। वहीं दूसरे युवक को थाने से ही उठाया था।

इंदौर में रात 10 बजे निकले थे रूम से

क्राइम ब्रांच को राजस्थान पुलिस से खबर लगी कि हर्षित के मोबाइल की लोकेशन भंवरकुंआ में ट्रेस हो गई है। पुलिस जब नानक नगर में उसके रूम पहुंची, तो पता चला कि वह यहां 15 दिन से नहीं आया। उसके नंबर की कॉल डिटेल में गजेंद्र और अमन से बात होना सामने आया। दोनों की लोकेशन ट्रेस करते हुए टीमें गजेंद्र के रूम तक पहुंची, लेकिन मंगलवार रात 10 बजे दोनों रूम छोड़कर निकल गए। यहां पुलिस की टीमें जब पहुंची तो क्राइम ब्रांच के अफसरों ने उन्हें अंदर जाने से रोके रखा बाद में पता चला कि काव्या और हर्षित वहां नहीं है।

उज्जैन-ओंकारेश्वर में होने की आंशका

गजेंद्र ने पुलिस को बताया कि हर्षित को डर था कि सब साथ रहे तो जल्द पकड़ में आ सकते हैं। इसलिए वो और काव्या रूम छोड़ कर चले गए। उन्होंने इंदौर के आसपास ही रहकर गजेंद्र को कांटेक्ट करने की बात कही। पुलिस को शंका है दोनों उज्जैन या ओंकारेश्वर में हो सकते हैं। काव्या का मोबाइल भी इंदौर रिंग रोड से ही बंद हुआ है।

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