केंद्रीय कृषि मंत्री, शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार यानी आज राज्यसभा में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और किसानों की कर्जमाफी सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष को जवाब देते हुए उन्हें घेरा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार अब 50% से ज्यादा का एमएसपी तय करने के साथ ही किसानों से उनकी उपज भी खरीदेगी। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार पिछले 10 वर्षों से किसानों को लाभकारी मूल्य देने के लिए प्रतिबद्ध है।
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कांग्रेस पर हमला
शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी, पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब उन्होंने एमएसपी बढ़ाने से मना कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व कृषि मंत्री कांतिलाल भूरिया और शरद पवार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इंकार कर दिया था। इस संदर्भ में चौहान ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 2019 में यह फैसला किया कि किसानों को उनकी उपज की लागत पर 50% अधिक मूल्य दिया जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने की योजना
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए कृषि के लिए बजट आवंटन में अभूतपूर्व वृद्धि की गई है। कृषि क्षेत्र में 2013-14 में 21,900 करोड़ रुपये का बजट था, जो अब बढ़कर 1,22,528 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार किसानों के लिए उत्पादन बढ़ाने, लागत घटाने, और उचित मूल्य देने का काम करेगी। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल नुकसान की भरपाई भी की जाएगी।
फर्टिलाइजर की उपलब्धता
केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार किसानों को न केवल पर्याप्त खाद (फर्टिलाइजर) उपलब्ध करवा रही है, बल्कि इसके लिए सब्सिडी भी प्रदान कर रही है। पिछले वर्ष सरकार ने 1.94 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, जिससे यूरिया और डीएपी की बोरी सस्ती मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार फर्टिलाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और भविष्य में भी कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शिता
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी सरकार की दूरदर्शिता के परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि का विविधीकरण करने, जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है। उनका उद्देश्य है कि किसान कर्ज माफी की बजाय अपनी आय बढ़ाने के लिए सक्षम बने।
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