INDORE. श्री गुरुसिंघ सभा इंदौर के चुनाव में जिस बात की आशंका थी वह सामने आ गई। चुनाव के लिए गंदा प्रचार शुरू हो गया है। शुक्रवार (27 सितंबर) को समाज के मतदाताओं के घरों पर रजिस्टर्ड डाक पहुंची। इसमें अध्यक्ष पद के दावेदार और खालसा-फतेह पैनल के उम्मीदवार मोनू ( हरपाल सिंह ) भाटिया के खिलाफ फोटो, पर्चे थे। पर्चे बंटने के बाद दोनों गुट खंडा और खालसा-फतेह के बीच विवाद गहरा गया है और चुनाव के पहले सिलेक्शन कर आपसी सहमति से कमेटी बनाने की चल रही बात भी ठंडे बस्ते में चली गई है। उधर खबर मिली है कि हाईकोर्ट इंदौर में एक और याचिका लग गई है।
हाईकोर्ट की याचिका में अमृतधारी सिख का मुद्दा
सूत्रों से खबर मिली है, एक आवेदक का चुनाव नामांकन निरस्त हुआ है क्योंकि उन्होंने अमृतधारी सिख को लेकर मांगी गई जानकारी पर क्रास लगाया और कहा कि है कि मैं अमृतधारी नहीं हूं। बताया जा रहा है कि यह पूरी तरह से प्लानिंग करके हुआ है, अब इस मामले में संबंधित आवेदक हाईकोर्ट पहुंच गया है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह किसी भी दिन यह सुनवाई पर आ जाएगा। इसमें मुद्दा यही उठने की संभावना है कि सभी का अमृतधारी सिख होने की पुष्टि हो और गुरमुखी टेस्ट चुनाव अधिकारी करें। कुल मिलाकर पूरा मामला अमृतधारी सिख पर फंस गया है।
चुनाव प्रचार के लिए बंटे रजिस्टर्ड डाक में क्या है
मतदाताओं के यहां भेजे गए इस रजिस्टर्ड डाक को खोलने पर कागजों का एक बंडल, फोटो थे। इसमें मोनू को अमृतधारी सिख नहीं होने की बात कहते हुए आरोप लगए गए हैं कि वह रहत मर्यादा का पालन नहीं करते हैं। इसमें कई तरह की फोटो लगाई गई है। मूल रूप से यह वही दस्तावेज है, जो खंडा पैनल के जगजीत सिंह टूटेजा उर्फ सुग्गा द्वारा चुनाव अधिकारी के पास मोनू की दावेदारी को लेकर आपत्ति लगाई गई थी।
मानहानि केस करने की तैयारी में
इस प्रचार से चुनाव में नुकसान होने की आशंका देखते हुए मोनू ने इसके लिए खंडा पैनल से प्रधान पद के दावेदार रिंकू भाटिया को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। अधिवक्ताओं से बात भी कर ली है और वह उनके खिलाफ मानहानि का केस लगाने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद अब दोनों के बीच सुलह की कोई उम्मीद नहीं रह गई है।
इसके पहले आपत्तियों का हो चुका निराकरण
चुनाव के लिए वोटिंग 6 अक्टूबर को होना है। इसके पहले हाईकोर्ट के आदेश पर नामांकन फार्म और चुनाव की मतदाता सूची को लेकर आपत्तियां दायर हुई थी। इनका निराकरण करने का 27 सितंबर को अंतिम दिन था। 200 से ज्यादा आपत्तियां आई है। मुख्य मुद्दा अमृतधारी सिख कौन है और किसे गुरमुखी आती है यह बन चुका है। इन आपत्तियों का चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन द्वारा निराकरण देर रात तक कर दिया गया। अमृतधारी सिख को लेकर दोनों पर लगे आरोप और आपत्तियों पर उनका कहना है कि हमने सभी से नामांकन फार्म में शपथपत्र लिया है जिसमें दोनों ने ही खुद को अमृतधारी सिख बताया है, जो आपत्तियां आई थी इस पर दोनों से लिखित में जवाब भी लिया है। आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया है।
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