श्री गुरुसिंघ सभा में मुख्य चुनाव अधिकारी ने तीन दिन से चल रहे नाटकीय घटनाक्रम में आखिरकार गुरुवार को फैसला लेते हुए सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया। खंडा पैनल के प्रधान पद के दावेदार और 12 साल से प्रधान पद पर काबिज रिंकू उर्फ मनजीत सिंह भाटिया और उनके ही गुट के जगजीत सिंह टूटेजा उर्फ सुग्गा ने यह आपत्तियां लगाई थी। इसमें उनकी मांग थी खालसा-फतेह पैनल के उम्मीदवार हरपाल उर्फ मोनू सिंह भाटिया और सचिव पद के दावेदार प्रीतपाल सिंह उर्फ बंटी भाटिया अमृतधारी सिख नहीं है।
आपत्तियों के बाद मोनू, बंटी का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ
हाईकोर्ट के आदेश के बाद इन आपत्तियों की मंगलवार को सुनवाई हुई थी। हालांकि इस दौरान गुरमुखी टेस्ट नहीं हुआ और ना ही डेंटल मेडिकल टेस्ट हुआ। लेकिन मोनू ने लिखित में जवाब चुनाव अधिकारी को दिया था और कहा था कि श्री अकाल तख्त ने भी उन्हें अमृतधारी सिख मानने का पत्र दिया हुआ है। इसके बाद चुनाव अधिकारी हरप्रीत सिंह सूदन (बक्शी) ने इसे लेकर श्री अकाल तख्त को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को आपत्तियों को खारिज कर दिया। यानी अब मोनू और बंटी का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हुआ है।
यह लिखा पत्र में
चुनाव अधिकार द्वार पत्र जगजीत सिंह टूटेजा, बलबीर सिंह, चरणवीर सिंह, बलविंदर सिंह और संदीप सिंह के नाम पर संबोधित कर लिखा गया है। इसमें है कि आपके द्वारा प्रस्तुत आपत्तियों पर हरपाल (मोनू) सिंह भाटा द्वारा लिखित जवाब लिया गया। इन्हें देखने और विचार के बाद उपरांत निरस्त किया जाता है। ये मामला हाई कोर्ट में लगी याचिका के संदर्भ में रिजवल्ब हो गया है।
उधर रिंकू फिर कोर्ट जाने की तैयारी में
वहीं बताया जा रहा है कि रिंकू भाटिया इस पद पर बिना चुनाव के ही बने रहने के लिए एक बार फिर चुनाव रूकवाने की कोशिश में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं और इसमें शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है। अभी मतदाता सूची को लेकर और फिर अमृतधारी सिख नहीं होने को लेकर दो बार मामला हाईकोर्ट जा चुका है। अब यह तीसरी बार मामला कोर्ट में जाएगी। अभी तक किसी भी केस में हाईकोर्ट ने चुनाव रोकने के आदेश नहीं दिए हैं। उधर चुनाव के लिए 6 अक्टूबर को वोटिंग है और 7 अक्टूबर को रिजल्ट होना है।
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