मध्य प्रदेश के सीधी जिले के सरकारी कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के साथ मारपीट और उसे बाथरूम में बंद करने का मामला सामने आया है। इस घटना को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने आदेश दिया कि आरोपियों के साथ-साथ एसपी और टीआई के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाए।
एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज हो- कोर्ट
दरअसल, यह घटना 12 सितंबर 2024 की है, जब सतना के डॉ. रामजस चौधरी ने 9 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सीधी एसपी को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया और पुलिस की अनदेखी पर पीड़ित को एसपी रविंद्र वर्मा और मझगवां टीआई दीपक सिंह के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की सलाह दी।
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कब का है मामला?
रामजस चौधरी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद बताया कि अक्टूबर 2023 में एक टीचर डॉ. सुरेश कुमार तिवारी ने कॉलेज में आरएसएस की मीटिंग जॉइन करने के लिए कहा था, जिसे उन्होंने मना कर दिया था। इसके बाद, 15 फरवरी 2024 को उन्हें कॉलेज के बाथरूम में आधे घंटे तक बंद कर दिया गया। मई 2024 में राज किशोर तिवारी ने धमकी दी, और 26 जुलाई को कॉलेज के प्रिंसिपल के दफ्तर में घुसकर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई।
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एसपी-टीआई पर पीड़ित का आरोप
रामजस ने बताया कि 12 सितंबर 2024 को जब वह कॉलेज से घर जाने के लिए इंतजार कर रहे थे, तभी तीन लोग हथियार लेकर आए और उनकी सरेराह पिटाई की। घायल होने पर वह रामजस अस्पताल पहुंचे, लेकिन पुलिस ने मामले में नामजद आरोपियों के बजाय अज्ञात लिख दिया। इसके बाद थाना प्रभारी दीपक सिंह ने उनकी मदद करने के बजाय उन्हें गाली-गलौज की और चार घंटे तक थाने में बैठाए रखा। रामजस ने एसपी रविंद्र वर्मा से भी शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने आवेदन फाड़ दिया और धमकी दी कि अगर वह फिर आए तो उन्हें थाने में बंद करवा देंगे।
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5 जनवरी को फिर सुनवाई
रामजस ने कोर्ट में मारपीट में घायल होने की तस्वीरें भी पेश की। उनका आरोप है कि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की और जब उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की, तो कॉलेज प्रिंसिपल ने उन्हें नौकरी से हटा दिया। इस पर भी हाईकोर्ट ने सुनवाई की तारीख 5 जनवरी 2025 तय की है। रामजस के वकील, सीनियर एडवोकेट रामेश्वर सिंह ने भी कोर्ट में यह बात उठाई कि याचिका दायर करने के अगले ही दिन कॉलेज ने रामजस को बर्खास्त कर दिया था। कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है और इसके अगले चरण की सुनवाई 5 जनवरी को होगी।
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