मौन व्रत के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- देश में सिर्फ दो जाति हो
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नौ दिन का मौन व्रत रखने के बाद देश जातियों को लेकर बड़ा बयान दिया हैं। उन्होंने कहा है कि अगर सरकारों को ज्यादा जाति बनाने का शौक है तो गरीब और अमीर सिर्फ दो ही जाति बनाएं...
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Pandit Dhirendra Shastri ) का बड़ा बयान सामने आया है। नौ दिन का मौन व्रत रखने के बाद बागेश्वर बाबा ने जातियों को लेकर सीधा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकारों को ज्यादा जाति बनाने का शौक है तो गरीब और अमीर सिर्फ दो ही जाति बनाएं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा सरनेम तो सबके रहेंगे, लेकिन अब सरकार को दो ही जातियां बनानी चाहिए। ताकि भारत का विकास हो भारत समृद्ध हो, ताकि गरीबों के साथ अन्यान और अत्याचार न हो। भारत में वर्तमान में हो रहे अंधविश्वास को इसी बल पर रोका जा सकता है।
सबको बनना पड़ेगा बाबा बागेश्वर
बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर ने लोगों से कहा है कि अब तुम्हें खुद सरकार बनना पड़ेगा। केवल बागेश्वर बाबा हिंदू राष्ट्र नहीं बना पाएंगे। अब भारत के प्रत्येक युवा भाई-बहन को बागेश्वर बाबा बनना पड़ेगा तभी देश हिंदू राष्ट्र ( country hindu nation ) बनेगा।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि अब भारत की गली-गली में केवल बजरंग बली की चलेगी। अगर तुम राम के नहीं तो किसी काम के नहीं। उन्होंने कहा कि हमने नौ दिनों में तैयारी कर ली है कि अब भारत में जात-पात, भेद-भाव, ऊंच-नीच, छुआछूत को हम मिटाकर रहेंगे।
ऐसा नहीं कि बाबा बागेश्वर ने पहली बार ऐसा कोई बयान दिया हो। सुर्खियों में बने रहने के लिए वह अपनी झोली से नए-नए बयान निकालते और जारी करते रहते हैं और उन बयानों का देश-दुनिया (country-world ) में काफी असर होता है।
FAQ
बाबा ने सरकार को क्या सलाह दी है ?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि सरकार को जाति-व्यवस्था को सरल बनाना चाहिए ताकि सामाजिक भेदभाव कम हो सके और भारत का विकास हो।
'हिंदू राष्ट्र' के बारे में बाबा बागेश्वर क्या बोले ?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि केवल वे ही हिंदू राष्ट्र नहीं बना सकते, बल्कि हर युवा को 'बागेश्वर बाबा' बनना पड़ेगा ताकि यह सपना साकार हो सके।
जात-पात के भेदभाव को लेकर क्या बोले धीरेंद्र शास्त्री ?
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत में जात-पात, भेदभाव और छुआछूत को मिटाना आवश्यक है, और इसके लिए सामूहिक प्रयास करना होगा।