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Ujjain. महाकाल की नगरी उज्जैन में एमपी सिंहस्थ 2028 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। प्रशासन इस महापर्व को ऐतिहासिक बनाने के लिए दिन-रात मेहनत और विशेष तैयारी कर रहा है। वहीं सीएम मोहन यादव के नेतृत्व में प्रशासन इसे देश का पहला जीरो वेस्ट कुंभ बनाने के संकल्प के साथ काम कर रहा है।
करीब 20 हजार करोड़ के बजट से अवंतिका की सूरत बदली जा रही है। इसमें 29 नए घाट, 19 ब्रिज और अल्ट्रा-मॉडर्न मेडिसिटी जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।
इस बार 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। इनकी सुविधा के लिए डिजिटल तकनीक और ऑल-इन-वन ऐप का सहारा भी लिया जाएगा।
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बदलेगी अवंतिका की सूरत
बता दें कि, उज्जैन सिंहस्थ मेला 2028 की व्यवस्था को संभालने के लिए भारी भरकम बजट खर्च किया जा रहा है। करीब 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक सुविधाएं और निर्माण कार्य होंगे। शिप्रा नदी के तटों पर 778 करोड़ की लागत से 29 नए घाट बनेंगे।
ट्रैफिक को इजी बनाने के लिए शहर में 19 नए ब्रिज और आरओबी बनेंगे। इंदौर रोड को फोर लेन से बदलकर अब सिक्स लेन में तब्दील किया जाएगा। एक नई 48 किमी लंबी ग्रीन फील्ड सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है।
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बनेंगे मेडिसिटी और 500 अस्थाई अस्पताल
श्रद्धालुओं की सेवा के लिए चिकित्सा क्षेत्र में सरकार बहुत बड़े कदम उठा रही है। उज्जैन में 5003 करोड़ की लागत से विशाल मेडिसिटी का कंस्ट्रक्शन होगा। कुंभ मेला क्षेत्र में 500 अस्थाई अस्पताल और स्वास्थ्य कैंप लगाए जाएंगे।
स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर प्रबंधन के लिए कुल 6 अलग-अलग जोन में बांटा गया है। गर्मी को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र में इलेक्ट्रोलाइट की भी उपलब्धता रहेगी। एम्बुलेंस, ब्लड बैंक और ट्रॉमा सेंटर की सुविधाएं 24 घंटे उपलब्ध कराई जाएंगी।
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डिजिटल कुंभ और ऑल-इन-वन ऐप
उज्जैन सिंहस्थ 2028 पूरी तरह से डिजिटल और मॉडर्न टेक्नोलॉजी पर आधारित आयोजन होने वाला है। प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एक ऑल-इन-वन मोबाइल ऐप डेवेलप करेगा। इस ऐप में ड्रोन सर्विस, ट्रैफिक मैनेजमेंट और पार्किंग की सटीक जानकारी मिलेगी।
सुरक्षा के लिए फेस रिकग्नीशन और स्मार्ट अलर्ट सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं। श्रद्धालु घर बैठे ऐप के माध्यम से मेला क्षेत्र का वर्चुअल टूर कर सकेंगे। ये सभी टेक्निकल वर्क 31 दिसंबर 2025 तक पूरे करने का लक्ष्य है।
कोठी पैलेस बनेगा वीर भारत का म्यूजियम
धार्मिक महत्व के साथ-साथ उज्जैन की ऐतिहासिक विरासतों को भी संवारा जा रहा है। ऐतिहासिक कोठी पैलेस भवन को रिजर्व कर उसे वीर भारत संग्रहालय बनाया जाएगा। वीर दुर्गादास की छत्री पर 52 करोड़ की लागत से विकास कार्य होंगे।
यहां भव्य प्रवेश द्वार, पार्किंग और वीर दुर्गादास राठौर की मूर्ति लगेगी। आपदा प्रबंधन के लिए पाइप लाइन और विशेष फायर फाइटर तैनात किए जाएंगे। किसी भी अनहोनी की स्थिति में रिस्पांस समय मात्र 15 मिनट रखा गया है।
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