कोर्ट में बढ़ते केस और आपस में हो रहे तनाव को दूर करने के लिए इंदौर में सिंधी समाज ने एक पहल करते हुए पंचों की कमेटी बनाई। अब करीब एक साल में इस कमेटी के प्रयास धरातल पर दिखने लगे हैं। कई बड़े विवाद जो कोर्ट तक जाते हैं, वह यहां आपसी सहमति से सुलझ रहे हैं। कुल 25 सिंधी पंचों ने 60 सप्ताह में 190 में से 163 विवाद निराकरण किए हैं। इन्होंने कुल एक हजार घंटे काम किया।
यह है कमेटी
सिन्धु मुंहिंजी जीजल द्वारा स्थापित "सिंधी पंच मध्यस्थता व विधी परामर्श केंद्र" करीब एक साल से काम कर रही है। सोमवार से शुक्रवार शाम 6 से 8 पंचायत सिंधी समाज के दाम्पत्य, पारिवारिक, आर्थिक, सामाजिक व संपत्ति बंटवारा विवाद का समझौता निराकरण कर रही है। पंच कमेटी में 2 महिला 3 पुरुष जिनमें वकील, जिला पंचायत विशेषज्ञों ने 300 दिनों में लगभग 1000 घंटों से अधिक निशुल्क सेवाएं दी हैं।
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पूरी तरह निशुल्क है
समाजसेवी किशोर कोडवानी ने बताया कि यह व्यवस्था मध्यस्थता अधिनियम 2023 व मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा स्थापित सामुदायिक मध्यस्थता के निर्देशों से संचालित कि जा रही है। जो कि पूर्ण रूर से निशुल्क है। विवाद निराकरण अवधि 12 सप्ताह की निर्धारित कि गई है।
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दुबई, कराची के भी केस
जो केस यहां लगता है इसमें अकारण अनुपस्थित 500 रुपए व लेट फीस 200 रुपए दंड का प्रावधान रखा गया है। यह कमेटी लोहा मंडी स्थित देव श्री टॉकीज कॉम्प्लेक्स, वर्मा हॉल पर संचालित हो रही है। यहां कुल 190 आवेदनों आए थे। इनमें से 37 मामलों में एक पक्ष के इंदौर से बाहर का होने के कारण उन मामलों में पक्षकारों को वीडिओ कांफ्रेंस के माध्यम से जोड़ा जाता है। जिनमें दुबई, कराची के अतिरिक्त दिल्ली, लखनऊ, झांसी, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, वडोदरा, सुरत, नवसारी, मुंबई, पटना, नागपुर, वर्धा व जयपुर आदि के नाम शामिल हैं।
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