BHOPAL : मध्यप्रदेश में केवल नेता ही नहीं अफसर भी विदेशों में सैर सपाटे का शौक रखते हैं। भले ही इसके लिए उन्हें नियमों को तोड़ना या किसी बड़े प्रोजेक्ट को प्रभावित करना पड़ जाए। केंद्र सरकार के स्टार्स प्रोजेक्ट यानी स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एंड रिजल्ट्स फॉर स्टेट्स प्रोजेक्ट के तहत सिंगापुर के स्टडी टूर में सामने आया है। इस टूर के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 68 प्राचार्य और योग्य शिक्षकों का चयन किया था। लेकिन विदेश यात्रा के शौकीन स्कूल शिक्षा विभाग के कुछ अफसरों ने खुद को शिक्षक और प्राचार्य बताकर लिस्ट बदली और सैर सपाटा करने सिंगापुर निकल गए। राज्य शिक्षा मिशन के इन अफसरों की विदेश यात्रा का मामला सामने आने पर अफसर जांच कराने के बाद उनसे फॉरेन टूर पर हुए खर्च की वसूली की बात कह रहे हैं।
ये है मामला
दरअसल केंद्रीय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था को आधुनिक एवं वैश्विक स्तर की बनाने स्टार्स प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसके तहत देश के अलग-अलग राज्यों के प्राचार्य और उनके समकक्ष योग्यता वाले शिक्षकों को विदेशों में स्टडी टूर कराए जाते हैं। इसके लिए ऐसे स्कूलों के शिक्षकों का चयन किया जाता है जिनका पिछले शैक्षणिक सत्र का रिजल्ट 90 प्रतिशत से ज्यादा रहा हो। विदेशों के स्कूलों में अध्यापन-अध्ययन व्यवस्था, पाठ्यक्रम और अन्य तकनीक को सीखने के बाद इन शिक्षक और प्राचार्यों का उपयोग उनके राज्यों की शिक्षण व्यवस्था की बेहतरी के लिए किया जाना है। स्टडी टूर से लौटने वाले इन शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाया जाना है। इसके लिए मध्यप्रदेश से 68 प्राचार्य और शिक्षकों को सिंगापुर जाना था। लेकिन इस लिस्ट में राज्य शिक्षा मिशन के 19 अधिकारियों ने अपने नाम शामिल करा लिए। नतीजा जिनको चुना गया था ऐसे 19 योग्य शिक्षक स्टडी टूर से वंचित रह गए।
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विदेश यात्रा के लिए नियमों को तोड़ा
अध्ययन दल के लिए राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने नियम बनाकर प्राचार्य और शिक्षकों की सूची तैयार की थी। इसमें शामिल शिक्षकों को सिंगापुर में स्कूल शिक्षा की व्यवस्था, पाठ्यक्रम और अन्य तकनीकी बारीकियां सीखने-समझने के लिए जाना था। इस लिस्ट के आधार पर चुने गए शिक्षकों की जगह राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों ने 19 नाम बदल दिए। यानी अपने ही नियमों को अफसरों ने पलीता लगा दिया। स्टडी ग्रुप में ऐसे अफसरों को शामिल कर दिया जो उसके लिए पात्र नहीं थे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा तैयार लिस्ट में काट-छांट की गई। लिस्ट में शामिल होने परफॉर्मेंस, पद और आयु सीमा के निर्धारण की भी अनदेखी की गई। टूर पर 49 प्राचार्य भेजे गए और 19 शिक्षकों की जगह प्रोग्रामर, डेटा मैनेजर सिंगापुर जाने में सफल रहे।
खुलासे के बाद मची खलबली
सिंगापुर के स्टडी टूर में राज्य शिक्षा केंद्र के प्रोग्रामर, डेटा मैनेजर पद पर कार्यरत 19 लोगों के शामिल होने के खुलासे के बाद खलबली मच गई है। केंद्र के अफसर भी स्कूली शिक्षा की बेहतरी के प्रोजेक्ट में अपने मातहतों की सेंधमारी से नाराज है। बताया जाता है स्टडी टूर के नाम पर विदेश में सैर सपाटे के लिए केंद्र में कार्यरत 19 अधिकारी रवाना हुए हैं। हालांकि इनमें से एक अधिकारी ने एन वक्त पर यात्रा पर जाना स्थगित कर दिया था। इस यात्रा के लिए अधिकारियों द्वारा अपने पदनाम बदलकर टिकट कराने की जानकारी भी विभाग तक पहुंची है। खुलासे के बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग टूर पर गए अधिकारियों पर कार्रवाई और विदेश यात्रा का खर्च उनसे वसूलने की तैयारी कर रहा है।
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ये है प्रोजेक्ट स्टार्स
राज्यों में टीचिंग-लर्निंग और रिजल्ट को बेहतर करने केंद्रीय शिक्षा एवं साक्षरता मंत्रालय के स्टार्स प्रोजेक्ट को केंद्रीय कैबिनेट ने साल 2020 में स्वीकृति दी थी। यह प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश के अलावा हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और केरल में संचालित है। इसके तहत इस साल से इन राज्यों के 90 प्रतिशत रिजल्ट वाले स्कूलों के अच्छी परफॉर्मेंस वाले शिक्षक और प्राचार्यों को विदेश में स्टडी टूर कराए जाने हैं। जिससे की वे इन देशों की शिक्षण प्रणाली, सिलेबस और तकनीकी को सीख सकें। इन प्रशिक्षित प्राचार्य-शिक्षकों को उपयोग मास्टर ट्रेनर के रूप में राज्य में शिक्षा प्रणाली के सुधार के लिए किया जाना है।