सिंगरौली बोरवेल हादसा : 250 फीट गहरे गड्ढे में गिरी मासूम, 5 घंटे रेस्क्यू के बाद भी नहीं बची जान

सिंगरौली में तीन साल की मासूम बच्ची खेत में खेलते समय खुले पड़े बोरवेल में गिर गई। 5 घंटे तक चले रेस्क्यू के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। यह गड्ढा करीब 250 फुट गहरा था, जो बारिश के पानी से भरा हुआ था।

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Deeksha Nandini Mehra
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Singrauli Borewell Accident
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Singrauli 3 year old Girl Died after Falling into Borewell :  मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक तीन साल की बच्ची की बोरवेल में गिरने से मौत हो गई। बच्ची सोमवार को देर शाम बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची को निकलने के लिए 5 घंटे तक रेस्क्यू चलाया। जब तक बच्ची को बाहर निकाला गया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रेस्क्यू टीम ने बताया कि बोरवेल में बारिश का पानी भरा था। बच्ची उसमें गिरी तो बच नहीं सकी। इस हादसे के बाद से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है। 

खेलते-खेलते गिरी बोरवेल में 

दरअसल, बच्ची सोमवार 29 जुलाई को शाम के समय अपने पिता के साथ खेत में आई थी। बच्ची के पिता ने उसे जमीन पर छोड़कर अपने काम में व्यस्त हो गया। इसी दौरान बच्ची खेलते- खेलते बोरवेल में गिर गई।

बोरवेल में गिरने के बाद बच्ची रोने लगी, इसके बाद पिता ने बच्ची को खोजा तो बोरवेल के पास से बच्ची के रोने की आवाज आई। पिता ने तुरंत पुलिस को जानकारी दी। सूचना मिलते ही SDRF और पुलिस की टीम मौके पर पहुंचीं और बचाव में जुट गई। 

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पाइप से भेज रहे थे ऑक्सीजन 

घटना की सूचना मिलने के बाद जिला कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू के लिए तीन जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं, जिनके जरिए बोरवेल के आसपास खुदाई की गई।

बारिश की वजह से मिट्टी गीली थी, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन मुश्किल हो रहा था। समय ज्यादा लगने की वजह से बोरवेल में पाइप के जरिए बच्ची के लिए ऑक्सीजन भी भेजी जा रही थी।

पांच से छह घंटे रेस्क्यू के बाद बच्ची को सफलतापूर्वक बाहर निकाल लिया गया। जब बच्ची को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो डॉक्टर्स ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। 

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एक साल के खुदा पड़ा था बोरवेल

अधिकारियों ने बताया कि बोरवेल की गहराई 250 फुट था। बारिश के चलते उसमें पानी भर गया है। ऊपर से बोरवेल में सिर्फ पानी ही नजर आ रहा था। बताया जा रहा है कि यह बोरवेल पिछले साल खोदा गया था, लेकिन पानी ज्यादा न होने की वजह से उसमें मोटर नहीं डाला गया।

मयंक भी हुआ था खुले बोरवेल का शिकार

इससे पहले 12 अप्रैल को 6 साल का मयंक बोरवेल में गिर गया था। जिसको 45 घंटे की मशक्कत के बाद निकाल तो लिया गया था, लेकिन वह बच नहीं पाया था। बोरवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं सामने आती हैं, फिर भी सावधानी नहीं बरती जा रही है। 

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खुले बोरवेल पर बनाया कानून

मध्य प्रदेश में खुले बोरवेल में होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए विधानसभा में मध्य प्रदेश खोले नलकूप में इंसानों की गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक को पास किया था।

नलकूप खनन के पहले अनुमति लेनी होगी।  नलकूप को खुला छोड़ने पर 10 हजार और 25 हजार का जुर्माना भरना होगा। दुर्घटना होने या मृत्यु होने पर संबंधित भूमि स्वामी और ड्रिल करने वाली कंपनी से बचाव कार्य में होने वाले खर्च की राशि भी वसूली जाएगी। 

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