महिला बाल विकास विभाग में बर्तनों की खरीददारी में करोड़ों का भ्रष्टाचार

महिला बाल विकास विभाग की बर्तनों की खरीदारी में भ्रष्टाचार सामने आया है, जहां चम्मच, जग और थालियों की कीमतें बाजार से कहीं अधिक थीं। मामला आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में है।

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Sandeep Kumar
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कुपोषित बच्चों को खाना खिलाने के लिए महिला बाल विकास विभाग ने बर्तन खरीदने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। यहां पर एक चम्मच 1348 रुपए की कीमत पर खरीदा गया है। ऐसे ही कई बर्तन खरीदे गए हैं। जो अपने मूल्य दामों से कई अधिक है। बताया जा रहा है कि यहां के जिला कार्यक्रम अधिकारी, राजेश राम गुप्ता ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बर्तनों की खरीदी के दौरान जेम पोर्टल पर अत्यधिक कीमतों में सामग्री खरीदी। चम्मच, जग और थालियों की कीमतें बाजार दरों से कहीं अधिक थीं, जिससे विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग रहे हैं। 

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इसके पहले भी विभाग द्वारा खरीदी गई अन्य सामग्रियों में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ द्वारा की जा रही है, जबकि जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारी लगातार मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। दरअसल ये पूरा मामला सिंगरौली जिले का है।

बर्तनों की खरीददारी में भ्रष्टाचार

सिंगरौली जिले में महिला बाल विकास विभाग के द्वारा खरीदी गई सामग्री में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है। चम्मच और जग की कीमतें बाजार दरों से कहीं ज्यादा थीं, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब विभाग में भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ हो। इससे पहले भी साउंड बॉक्स और अन्य सामग्रियों की खरीदी में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई थीं, जिनकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है।

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अधिकारी की अनदेखी और प्रशासन का मौन

सिंगरौली के अधिकारियों द्वारा इस भ्रष्टाचार मामले में कार्रवाई न करना गंभीर चिंता का विषय है। जिला पंचायत के सीईओ ने कई बार जानकारी मांगी, लेकिन महिला बाल विकास अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया, जिससे प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई है। पूर्व कलेक्टर द्वारा नापसंद किए गए अधिकारी को वर्तमान कलेक्टर का समर्थन मिल रहा है, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर किस कारण से प्रशासनिक प्रणाली में इस तरह की सांठगांठ हो रही है। अधिकारी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई न होने से अन्य अधिकारियों में असंतोष फैल गया है।

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कुपोषित बच्चों को दिया जाने वाला पोषण आहार

मध्य प्रदेश में कुपोषित बच्चों को पोषण आहार देने के लिए, महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग-अलग मीनू पर भोजन दिया जाता है। इन बच्चों को पूरक पोषण आहार दिया जाता है। 6 महीने से 6 साल के बच्चों को रोज़ाना 8 रुपए का पोषण आहार दिया जाता है। इसमें 12-15 ग्राम प्रोटीन और 500 कैलोरी होती है। अतिकम वजन वाले बच्चों को रोजाना 12 रुपए का पोषण आहार दिया जाता है। इसमें 20-25 ग्राम प्रोटीन और 800 कैलोरी होती है। कुपोषण से बचने के लिए, बच्चों को हेल्दी डाइट देनी चाहिए। इसमें फल, सब्ज़ियां, अनाज, प्रोटीन, और पौष्टिक खाना शामिल होना चाहिए। 

 

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