नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित जबलपुर पहुंचे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी और उसके नेताओं को जमकर कोसा। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के अपमान के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का इस मामले में बयान देना उनकी अपरिपक्वता को दर्शाता है। पटवारी ने आरोप लगाया कि एआई के जरिए गलत फोटो सेशन करने और उसे प्रोपोगंडा बनाने की कोशिश की जा रही है, जिसका उद्देश्य जनता को गुमराह करना है। यह गुमराह करने का एक मुद्दा है, जहां गांधी जी और अंबेडकर जी की फोटो के बैकड्रॉप का इस्तेमाल किया गया है और मीडिया को मैनेज किया गया है,। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या बीजेपी, RSS और मुख्यमंत्री अंबेडकर को भगवान मानते हैं, और जब उनसे सवाल पूछा जाता है तो वे चुप हो जाते हैं।
जबलपुर नगर कांग्रेस कमेटी पर मौन
इसी बीच जब पत्रकारों के द्वारा यह सवाल किया गया कि जबलपुर की नगर कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन अभी तक नहीं हुआ है। इस सवाल पर पहले तो जीतू ने पत्रकार से ही पूछा कि क्या यह सवाल आपको नगर अध्यक्ष ने पूछने को कहा है। इसके बाद उन्होंने इस सवाल का जवाब ना देते हुए जल्द ही करेंगे का कर टाल दिया। हालांकि इस वाक्ये के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि जबलपुर के कांग्रेस नगर अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के बीच में कुछ खास पट नहीं रही है। मध्य प्रदेश कांग्रेस पर गुटबाजी का बयान सामने आने के बाद उसकी एक झलक आज की प्रेस वार्ता में भी दिखाई दी। जबलपुर में कांग्रेस के इकलौते विधायक लखन घनघोरिया को बैठने के लिए जो जगह दी गई थी वह बिल्कुल किनारे पर थी, हालांकि लखन घनघोरिया तो उस कुर्सी में बैठने को तैयार नजर आए पर लेकिन तभी स्थिति को भांपते हुए जीतू पटवारी ने अन्य कार्यकर्ताओं की भीड़ को बाहर किया और उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष के पहले वाली कुर्सी में बैठाया गया।
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गूगल में मिलते हैं भ्रष्टाचारी
पत्रकारों के सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा कि यदि आप गूगल पर सबसे भ्रष्टाचारी नेता सर्च करें तो देख लीजिए किसका नाम आता है। नियम कानून को न मानने से लेकर भ्रष्टाचार तक केवल भाजपा के नेताओं का ही नाम दिखाई देता है। बीजेपी किसी भी नियम या कानून का पालन नहीं करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार इतना फैला हुआ है कि पुलिस थानों में टीआई को बिना पैसे के थाने नहीं मिलते। "यह सब जनता से उगाया जाता है और लाल डायरियां बनती हैं," पटवारी ने आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई संविधान की रक्षा और कानून की सुरक्षा की है। पटवारी ने बीजेपी सरकार को संविधान का विरोधी बताया और प्रीतम लोधी द्वारा किए गए कृत्यों को बीजेपी सरकार का चरित्र बताया।
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इन्वेस्टर समिट की असलियत पर सवाल
इस दौरान, पटवारी ने मोहन यादव के निवेश को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री का काम विकास की बात करना होता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या जमीन पर सचमुच कोई बदलाव आया है? "वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्री ने इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर वाहवाही बटोरी, लेकिन कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला? कितनी उद्योग लगाए गए?" उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के विकास के दावे सिर्फ मीडिया मैनेजमेंट तक सीमित हैं। "सवाल यह है कि खर्च कहां से आता है? वह कर्ज से आता है और वह बोझ किस पर पड़ता है? जनता पर, उन्होंने आरोप लगाया कि इन्वेस्टमेंट समिट के तहत जो योजनाएं बनाई गई हैं, उनका कोई वास्तविक असर नहीं दिखता और विकास के दावों की हकीकत जीरो है।