इंदौर नगर निगम के BJP पार्षदों की चाल, चरित्र और चेहरा- जुआ, दुष्कर्म, धमकाने जैसे केस
बीजेपी के इंदौर पार्षदों के कई विवाद सामने आए हैं, जिनसे पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे पर सवाल उठ रहे हैं। आधा दर्जन पार्षद अलग-अलग केस में आरोपी बने हैं। पढ़ें पूरी खबर इस लेख में....
जीतू यादव(काले नहरू जेकेट में) , शानू शर्मा (सफेद शर्ट में), मुकेश पाटीदार(लाल हरू जेकेट में ), लाल बहादुर वर्मा (गुलाबी शर्ट में), कमलेश कालरा (चश्मा लगाए हुए)
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बीजेपी संगठन अनुशासन के लिए जाना जाता है और पार्टी हमेशा चाल, चरित्र और चेहरे की बात करती है। लेकिन पार्षद कमलेश कालरा कांड तो एक उदाहरण मात्र है, बीजेपी के इंदौर पार्षदों के कई रंग रूप जनता के सामने आ चुके हैं, जो पार्टी के चाल, चरित्र और चेहरे पर जमकर दाग लगा रहे हैं। हाल के समय में सत्ता में रहते हुए ही आधा दर्जन पार्षद किसी ने किसी मामले में आरोपी बन चुके हैं।
बीजेपी के इन पार्षदों ने सत्ता में रहते किए यह कांड-
पार्षद जीतू यादव (वार्ड 24) या कहें गुंडा जीतू यादव- कमलेश कालरा के घर पर 50 से ज्यादा समर्थक गुंडे भेजकर निर्वस्त्र करने की घटना कर चुका है। पहले भी 11 अपराध रहे फिर भी टिकट दिया गया और एमआईसी मेंबर तक से नवाजा गया, लेकिन रंगदारी से बाज नहीं आया। अब जाकर पार्टी ने बाहर किया है।
जीतू यादव
पार्षद कमलेश कालरा (वार्ड 65)- जीतू कांड में भले ही वह अभी सहानुभूति के पात्र बने हैं लेकिन निगम अधिकारी यतींद्र यादव को धमकाने का केस जूनी इंदौर थाने में हो चुका है, जिसके चलते पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ। कालरा पर समय-समय पर नोटिस देकर चमकाने और वसूली के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में उनकी छवि भी कोई बेदाग नहीं है।
पार्षद कमलेश कालरा
पार्षद लाल बहादुर वर्मा (वार्ड 26)- यह पार्षद महोदय निगम के दरोगा हर्षित लोधी को धमका चुके हैं और इस मामले में उन पर भी तुकोगंज थाने में केस हो चुका है। पार्षद ने धमकाकर अवैध काम के लिए डंपर और जेसीबी मांगे थे, देने से मना किया तो जमकर गालियां दी। बाद में केस हो गया।
पार्षद लाल बहादुर वर्मा
पार्षद मुकेश पाटीदार (वार्ड 40)- यह पार्षद महोदय एक महीन पहले ही कनाडिया पुलिस द्वारा जुआ खेलते हुए रंगे हाथों पकड़ाए थे। मौके से ढाई लाख नकद भी पुलिस को मिले। बाद में छूटने के लिए जमकर रौब दिखाया और नेताओं के फोन लगवाए।
पार्षद मुकेश पाटीदार
पार्षद शानू शर्मा (वार्ड 82)- नीतीश उर्फ शानू शर्मा यह पार्षद दुष्कर्म के आरोपी है। जोड़-तोड़ करके अग्रिम जमानत ले ली और गिरफ्तारी से बच गए, लेकिन महिला ने फिर हाईकोर्ट में जमानत खारिज कर गिरफ्तारी के लिए केस लगा दिया है, जिसमें सभी को नोटिस हो चुके हैं।
बीजेपी ने जब साल 2022 में पार्षदों के टिकट घोषित किए तब हत्याकांड के आरोपी युवराज उस्ताद की पत्नी को टिकट मिला, इस पर बवाल हुआ तब बीजेपी ने चाल, चरित्र और चेहरे की दुहाई देते हुए टिकट काट दिया। अब जीतू कांड हुआ तो भारी हंगामे और विवाद के बाद पार्टी ने बाहर किया। लेकिन क्या पार्टी इन आपराधिक छवि वालों से दूरी बना पाएगी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी आरोप लगा चुके हैं कि बीजेपी नेताओं के पोस्टर में हिस्ट्रीशीटर गुंडे आते हैं। अब गुंडों की तो इतनी हिम्मत हो चुकी है कि वह पोस्टर में सीएम डॉ. मोहन यादव का भी फोटो लगाने से नहीं चूकते हैं। अब सवाल उठने लगे है कि बीजेपी अब कब चाल, चरित्र और चेहरा सुधार कर ऐसे गंदे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाएगी।